Tuesday, November 4, 2025
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भ्रष्टाचार मिटाने की बात करने वाली आम आदमी पार्टी के कई विधायक सीबीआई और ईडी की रडार पर

आम आदमी पार्टी के नेताओं और मंत्रियों पर लगने वाले आरोप कितने सही हैं और कितने गलत यह तो आने वाला समय बतायेगा। लेकिन, जिस  पार्टी का उत्थान देश में भ्रष्टाचार खत्म करने के लिए हुआ आज उसी पार्टी के नेताओं और मंत्रियों पर पर भ्रष्टाचार के नये-नये आरोप लग रहे हैं। 

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हाल के दिनों में आम आदमी पार्टी की दिल्ली सरकार की कार्यशैलियों पर कई सवाल उठ रहे हैं और कई आरोपों से घिरती जा रही है। दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के करीब रहने वाले कई नेता अैर दिल्ली सरकार के कई मंत्री सीबीआई और ईडी की जांच के घेरे में हैं। पार्टी के कई नेताओं पर गंभीर आरोप लग रहे हैं जिनमें अधिकांश मामले भ्रष्टाचार से जुड़े हैं।

हवाला कारोबार में दिल्ली के स्वास्थ्य मंत्री सत्येन्द्र जैन की पहले ही गिरफ्तारी हो चुकी है और मई महीने से ही जेल में बद हैं। सत्येन्द्र जैन की गिरफ्तारी पर खूब हो हल्ला हुआ। दिल्ली के मुख्य मंत्री केजरीवाल ने उन्हें कट्टर इमानदार कहा था।

लेकिन, सीबीआई ने उनके खिलाफ कोर्ट में जो दस्तावेज पेश किया था उसे देखकर अदालत ने कहा था कि दिल्ली के स्वास्थ्य मंत्री के खिलाफ मुकदमा चलाने के लिए हवाला कारोबार से जुड़े प्रर्याप्त सबूत हैं। हवाला कारोबार के मामले में मई के अंतिम सप्ताह में सत्येन्द्र जैन को सीबीआई ने गिरफ्तार किया था और अब तक उनकी जमानत नहीं हो पायी है।

हाल ही में वक्फ बोर्ड में मनमाने तरीके से नौकरी देने और वक्फ की संपतियो का गलत इस्तेमाल करने के कारण ‘आप’ के विधायक अमानुतुल्ला खान को गिरफ्तार किया गया है। अमनातुल्ला खान पर और भी कई गंभीर आरोप लगे हैं। जिसमें दिल्ली में हुए दंगेे में भी उनकी भूमिका संदिग्ध है बतायी जाती है जिसकी जांच चल रही है। अब केजरीवाल के सबसे भरोसेमंद माने जाने वाले दिल्ली के उप मुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया पर गिरफ्तारी की तलवार लटक रही है। मनीष सिसोदिया पर भी गंभीर आरोप लगे हैं।

विदित हो कि, केजरीवाल सरकार ने दिल्ली में नयी आबकारी नीति लागू की थी। जिसके तहत शराब के ठेके के लिए टेंडर जारी किये गये। दस्तावेजो के अनुसार, उसमें भारी अनियमित बरती गई और ब्लैकलिस्टेड ठेकेदारो को भी टेंडर जारी किये गये। उपराज्यपाल विजय कुमार सक्सेना ने मामला करप्शन का बनता देख इसे सीबीआई जांच की सिफारिश कर दी। सीबीआई जांच की जद में दिल्ली के उप मुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया के साथ-साथ कई वरिष्ठ नौकरशाह भी हैं। हालांकि, जांच और गिरफ्तारी की डर से अरविंद केजरीवाल ने आनन फानन में नयी आबकारी नीति को रद्द करके पुरानी आबकारी नीति को बहाल कर दिया। लेकिन यह मामला केजरीवाल और सिसोदिया को इतनी जल्द पीछा छोड़ने वाला नहीं है।

इन आरोपों के मद्देनजर जांच एजेंसियां सबूतो को इकट्ठा कर रही है। ताकि कोर्ट में आरोपियों के खिलाफ पुख्ता सबूत पेश की जा सके। इसी संदर्भ में कई जगहांें पर छापे भी पड़े है और गिरफ्तारियां भी हुई है। कई वरिष्ठ नौकरशाहों को बर्खास्त भी किया गया है।

दो दिन पहले सीबीआई ने विजय नायर को गिरफ्तार किया है जिसे इस कथित घोटाले का मुख्य साजिशकर्ता बताया जा रहा है। विजय नायर एक इंटरटेनमेंट और इवेंट कंपनी चलाते हैं। लेकिन उनपर आरोप है कि उन्होंने चुन-चुनकर लोगों को लाइसेंस देने, गुटबंदी करने में बड़ी भूमिका निभायी है। सीबीआई की मानें तो विजय नायर आम आदमी पार्टी के कम्यूनिकेशन इंचार्ज हैं।

इस गिरफ्तारी के एक दिन बाद ईडी ने समीर महेन्द्रू को गिरफ्तार किया है। कहा जा रहा है कि समीर महेन्द्रू मनीष सिसोदिया के सबसे करीबी माने जाते हैं। प्रवर्तन निदेशालय ने दावा किया है कि समीर महेन्दू ने नई आबकारी नीति का फायदा उठाकर पिछले नौ महीने में 50 करोड़ रूपये कमाये हैं।

ईडी ने कोर्ट में दलील दी है कि शराब की कीमतों को तय करने के लिए कार्टेल बनाने और सरकारी अधिकारियों को रिश्वत दिया है। इसकी जांच के लिए उनकी कस्टडी जरूरी है। दिल्ली की एक अदालत ने समीर महेन्द्रू को नौ दिन की ईडी की कस्टडी में भेज दिया है। इडी का कहना है कि इस नीति से ना सिर्फ सरकारी संपतियों का पहुचा है बल्कि मामला मनी लॉंड्रिंग से भी जुड़ा प्रतीत होता है। इसके लिए इनके सहयोगियों की भूमिका को भी जानना जरूरी है। विदित हो कि समीर महेन्दू की कंपनी इंडोस्पिरिट ब्रो कोड के नाम से बियर बनाती है।

इस मामले में दर्ज एफआईआर के मुताबिक, एक्साइज पॉलिसी का उल्लंघन करके समीर महेन्दू बहंुत मोटा लाभ कमाया है और इसके लिए किन-किन अधिकारियों और मंत्रियों केा रिश्वत दिया गया यह जानना जरूरी है। इस मामले में दिल्ली के कई नौकरशाह सीबीआई और ईडी के रडार पर हैं। एक्साइज पॉलिसी को लेकर यह जांच प्रक्रिया और संबंधित लोगों की गिरफ्तारी आने वाले समय में केजरीवाल सरकार की मुश्किलें बढ़ाने वाली है।

हालांकि, केजरीवाल सरकार इन मामलों को बहुत हल्के में ले रही है। पार्टी और सरकार के उपर लग रहे भ्रष्टाचार के आरोपों पर अरविंद केजरीवाल कहते है कि हमारी लोकप्रियता को देखकर मोदी सरकार घबरा गई है। और उनके मंत्रियों और विधायकों को परेशान करने के लिए केन्द्रीय जांच एजेंसियों को लगा दिया गया है। राजनीतिक प्रतिस्पर्धा के नजरिये से केजरीवाल की बातों को थोड़ी देर के लिए सही भी मानी जा सकती हैं।

लेकिन, यह तय है कि केन्द्रीय जांच एजेंसियां जिस स्तर पर जांच कर रही हैं उसे सिरे से खारिज भी नहीं किया जा सकता है। उन जांचों के आधार पर अरविंद केजरीवाल की मुश्किलें बढ़ सकती है। इस मामले में सीबीआई के बाद ईडी का पर्दापण हो गया है। ईडी वहीं पहुंचती है जहां बड़े स्तर पर वित्तीय धांधली हुई है।

आम आदमी पार्टी के नेताओं और मंत्रियों पर लगने वाले आरोप कितने सही हैं और कितने गलत यह तो आने वाला समय बतायेगा। लेकिन जिस पार्टी का उत्थान देश में भ्रष्टाचार खत्म करने के लिए हुआ आज उसी पार्टी के नेताओं और मंत्रियों पर पर भ्रष्टाचार के नये-नये आरोप लग रहे हैं। यह पार्टी के चिंता का विषय है।

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