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‘‘आर्ट एम’’ की कला प्रदर्शनी : कैनवस में दिखी जिंदगी की झलक

 

इस कला प्रदर्शनी में ‘आर्ट एम ‘ के 26 चित्रकारों ने भाग लिया और कला के माध्यम से अपने विचारों, भावनाओं और संवेदनाओं को कैनवस पर उतारा है। सभी कैनवस में अलग-अलग संदेश थे। मानवीयता, समाज, जिंदगी, दुनिया, प्रेम, प्रकृति सहित विविध आयामों को अलग-अलग तरीके से चित्रित किया गया था। ये कैनवस दर्शकों को अपनी ओर आकर्षित कर रहे थे। कुछ कैनवस पर चित्रित कृतियों ने दर्शकों को मंत्रमुग्ध कर दिया, जिन्हें विभिन्न माध्यमों और विभिन्न रंगों द्वारा तैयार किया गया था।

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प्रसिद्ध कला प्रशिक्षण केन्द्र ‘‘आर्ट एम’’ ए कम्प्लीट फाइन आर्ट एंड क्राफ्ट इंस्टीच्यूट द्वारा नई दिल्ली के राष्ट्रीय हस्तशिल्प एव हथकरघा संग्रहालय में 17 नवम्बर से 20 नवम्बर तक सामूहिक कला प्रदर्शनी ‘‘कर्मा पेंटिका’’ का आयोजन किया जा रहा है। जिसका उदघाटन मुख्य अतिथि लक्ष्मी नारायण नायक (ख्यातिबद्ध चित्रकार व लेखक) द्वारा किया गया। उदघाटन के बाद सम्मानित अतिथियों द्वारा कर्मा पेंटिका की स्मारिका का विमोचन किया गया।

सम्मानित अतिथि राजू कुमार देश के जाने-माने आर्टिस्ट हैं और इस प्रदर्शनी का खास केन्द्र बने रहे। चित्रकारी के क्षेत्र में उन्होंने लम्बा सफर तय किया है और आज वह देश के प्रसिद्ध चित्रकारों में से एक हैं। उन्होंने खास मुकाम हासिल किया है। उनके कई शिष्य ही आज देश के प्रसिद्ध चित्रकार के रूप दिखते हैं। आर्ट एम के संस्थापक और इस प्रदर्शनी के आयोजक चित्रकार कुंदन कुमार उनके शिष्य रहे हैं। उन्होंने इस प्रदर्शनी का आयोजन बड़े ही भव्य तरीके से किया है जिसकी तारीफ वहां के अतिथियों ने की है।

दर्शकों को संबोधित करते हुए चित्रकार लक्ष्मी नारायण नायक ने कहा कि कला एक भावना है। आपके अंदर जैसी भावना होगी कला का निखार भी उसी के अनुसार दिखेगा। कला एक समर्पण है। सूक्ष्मता का अध्ययन है। हम जिसे देख नहीं सकते, उसका चित्रण ही कलाकारी है। उनके मुताबिक एक सफल कलाकार वही है जो अपने अंदर की भावनाओं को पढ़ने में समर्थ हो। उन्होंने अपने संबोधन में कहा कि कलाकारों को नकल से बचना चाहिए।

ख्यातिबद्ध चित्रकार राजू कुमार ने कहा है कि कला पर दूसरे की मर्जी नहीं चलनी चाहिए। कला में बंधन नहीं होनी चाहिए। आप अगर दूसरे के मन मुताबिक चित्रकारी कर रहे हैं तो यह कलाकारी नहीं है। अगर आप कलाकार हैं तो अपने मन की कीजिए। क्योंकि कला आपकी देन है। इसे आप करने जा रहे है। अपनी कल्पनाओं, भावनाओे के अनुरूप उसे ढालिये। आप अपने मन की सुनेंगे तो बेहतर कर पायेेंगे। मन और भावनाओं के बीच जो उद्यवेग है उसका चित्रण करना ही कलाकारी है।

सम्मानित अतिथि एवं प्रसिद्ध कथ्थक नृत्यांगना निर्मला नेगी ने कहा है कि आप भावनाओं को चित्रित करने के लिए ब्रश और रंगों का सहारा लेते है और मैं नृत्य के माध्यम से भावनाओं को दर्शाती हूं। लेकिन हम दोनों ही कला को जी रहे हैं। एक कलाकार बनना इतना आसान नहीं हैं जितना लोग समझते है। कलाकार बनने के लिए अपनी जिंदगी ही कला के प्रति समर्पित करनी पड़ती है। वह समर्पण ही आपको एक कलाकार के रूप में निखारेगा। चाहे कला का वह कोई भी क्षेत्र हो।

अतिथियों को सम्मानित करते हुए आर्ट एम के संस्थापक कुंदन कुमार ने कहा है कि इस प्रदर्शनी के लिए उन्होंने अथक प्रयास किया है। उन्होंने अतिथियों को आभार व्यक्त करते हुए कहा कि जिनके सान्निध्य में उन्होंने पेंसिल और ब्रश थामा है, आज वह उनके आयोजन में मुख्य अतिथि के तौर पर शामिल है, यह मेरे लिए सौभाग्य की बात है। उन्होंने कहा कि इस कला प्रदर्शनी में असगर अली, नीरज गर्ग एवं मधेश्वर दयाल का विशेष योगदान रहा। इस प्रदर्शनी में कई विशिष्ट अतिथियों ने भी शिरकत की। आर्ट्स क्लब फाउंडेशन के राष्ट्रीय अध्यक्ष सरफराज अहमद ने इस भव्य कला प्रदर्शनी की व्यवस्था एवं प्रबंधन के लिए आर्ट एम के संस्थापक कुंदन कुमार को बधाई दी है।

 

 

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