January 28, 2025

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मगही भाषा अंतर्राष्ट्रीय साहित्य पुरस्कार समारोह 2024 : सम्मानित किये गये कई अंतर्राष्ट्रीय साहित्यकार

 

इस अवसर पर मुख्य अतिथि के रूप में नेपाल के पूर्व वित्त मंत्री भारत शाह ने मगही में संबोधित करते हुए कहा कि नेपाल में बस रहे सारे “मधेसी” कहे जाने वाले लोग भारतवर्ष से ही जाकर नेपाल में बसे हैं। उनकी संख्या नेपाल के विभिन्न जिलों में मिलाकर लाखों में है। वहां हम मधेशी कहे जाने वाले लोगों ने सरकारें भी चलाई है।

डॉक्टर राम प्रसाद सिंह अंतरराष्ट्रीय मगही साहित्य पुरस्कार समारोह 2024, बिहार की राजधानी पटना स्थित “कॉलेज आफ कामर्स” के सभागार में संपन्न की गई, जिसकी अध्यक्षता डॉक्टर राम प्रसाद सिंह जी के सुपुत्र एवं कॉलेज सेवा आयोग के सदस्य प्रोफेसर उपेंद्रनाथ वर्मा ने की। समारोह का उद्घाटन भारत सरकार के लघु, मध्यम एवं सूक्ष्म उद्योग मंत्री श्री जीतन राम मांझी ने किया।

उन्होंने उद्घाटन भाषण के क्रम में अपने सारे उदगारों को मगही भाषा में ही व्यक्त किया, जो लोगों के बीच काफी प्रशंसनीय एवं प्रभावोत्पादक रहा। उन्होंने कहा कि मगही भाषा को आठवीं सूची में शामिल करने के लिए मगध के सारे सांसदों एवं विधायकों से जमायत में मिलकर उन पर दबाव बनाएं और आठवीं सूची में दर्ज करने की मांग को आंदोलन रूप दें। 18 वर्षों से आपके मुख्यमंत्री भी तो मगह देश के ही वासी हैं। वे इस कार्य को अब तक क्यों नहीं कर पाये, जबकि राज्य में अल्प क्षेत्र में बसने वालों की बोली जाने वाली भाषा “मैथिली” आठवीं सूची में वर्षों पूर्व से शामिल कर लिया गया है।

इस अवसर पर मुख्य अतिथि के रूप में नेपाल के पूर्व वित्त मंत्री भारत शाह ने मगही में संबोधित करते हुए कहा कि नेपाल में बस रहे सारे “मधेसी” कहे जाने वाले लोग भारतवर्ष से ही जाकर नेपाल में बसे हैं। उनकी संख्या नेपाल के विभिन्न जिलों में मिलाकर लाखों में है। वहां हम मधेशी कहे जाने वाले लोगों ने सरकारें भी चलाई है।

विशिष्ट अतिथि के रूप में प्रोफेसर गिरीश कुमार चौधरी अध्यक्ष बिहार राज्य विश्वविद्यालय सेवा आयोग पटना, कुलपति पाटलिपुत्र विश्वविद्यालय पटना के प्रोफेसर आर.के. सिंह, मगध विश्वविद्यालय बोधगया के कुलपति प्रोफेसर शशि प्रताप शाही और बिहार हिंदी साहित्य सम्मेलन पटना के अध्यक्ष अनिल शुक्ला आदि बड़ी संख्या में विद्वतजन उपस्थित थे।

इस अवसर पर मगही भाषा और साहित्य के रचयिता श्री कृष्ण देव प्रसाद, मगही भाषा बेआकरन के सृजन कर्ता श्री राजेंद्र कुमार यौधेय, मगही व्याकरण कोश के रचयिता डॉक्टर संपत्ति आर्याणी, मगही संस्कार गीत के रचयिता डॉक्टर विश्वनाथ प्रसाद, मगही मासिक पत्रिका के संपादक श्री धनंजय श्रोत्रिय आदि की रचनाओं को लोगों ने याद किया।

मगही पत्रिका “टोला टाटी” के संपादक श्री सुमंत, “भारतीय दांगी” पत्रिका के संपादक डॉक्टर शत्रुघ्न डांगी आदि बड़ी संख्या में लेखक, कवि, कथाकार तथा मगही भाषा के शुभेच्छु लोगों ने भाग लिया।

इस वर्ष डॉक्टर राम प्रसाद सिंह सम्मान हिंदी में डॉक्टर ललन प्रसाद सिंह, मगही में श्री ओमप्रकाश अनवर तथा नेपाल के साहित्यकार श्री भुवनेश्वर महतो को प्रदान किया गया। सम्मान में अंग वस्त्र,प्रशस्ति पत्र तथा ग्यारह हजार रुपये नगद दिये जाते हैं।

मगही पर अपने विचार व्यक्त करने वालों में अलखदेव प्रसाद, श्री सुमंत, कृष्ण कुमार भट्ट, उदय शंकर शर्मा तथा राम लखन सिंह यादव कॉलेज के पूर्व प्राचार्य डॉक्टर राम सिंहासन सिंह आदि प्रमुख रहे। इस अवसर पर लालमणि विक्रांत की पुस्तक “चंद्रगुप्त” और भुवनेश्वर महतो की पुस्तक “मगही शब्दकोश” का विमोचन किया गया। कार्यक्रम में मगध के अलावा नेपाल, पश्चिम बंगाल के मगही साहित्यकारों ने अपनी बड़ी संख्या में उपस्थिति दर्ज की।

इस अवसर पर मुंबई से आए फिल्म निर्माता, डायरेक्टर, जुनियर चार्ली चैम्पियन हास्य अभिनेता ने भी भाग लिया और अपनी कला को मगही में ही विभिन्न विधाओं में प्रस्तुति देकर लोगों का मन मोह लिया। अंत में उपस्थित कवि एवं कवित्रियों ने मगही कविता का सस्वर पाठ कर समारोह का समापन किया।

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