Tuesday, November 4, 2025
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टीएफटी की नाट्य प्रस्तुति “संध्या छाया” में वर्तमान चुनौतियों का मार्मिक चित्रण

गया सांस्कृतिक सभागार में पांच दिवसीय नाट्य समारोह का आयोजन

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“संध्या छाया” नाटक के निर्देशक सुदेश शर्मा हैं, जो भारतीय रंगमंच का प्रसिद्ध एवं चर्चित नाम है। पिछले 40 वर्षों में ये निरंतर रंगमंच, फिल्म, आकाशवाणी और दूरदर्शन में कार्यरत रहे। इन्होंने 70 से अधिक नाटकों का निर्देशन और सात हजार से अधिक प्रस्तुतियां देश तथा विदेशों में दी। उनमें संध्या छाया, कोर्ट मार्शल, चेहरे, संत सिपाही, चार दिन, दुल्ला भट्टी, गाथा आनंदपुर साहिब की आदि प्रमुख हैं।

सुदेश शर्मा थिएटर फॉर थिएटर संस्था के वर्ष 1988 से संस्थापक हैं। ये हरियाणा कला परिषद में 2016-19 तक उपाध्यक्ष पद पर सुशोभित रहे। वह  2013-16 तक पंजाब संगीत नाटक अकादमी के सचिव पद पर रहे। सुदेश शर्मा 2012-18 तक परफॉर्मिंग आर्ट यूनिवर्सिटी रोहतक के कार्यकारी सदस्य एवं 2004-10 तक चंडीगढ़ संगीत नाटक अकादमी के कार्यकारी सदस्य के अलावा हरियाणा एवं पंजाब सरकार की अनेक कमेटियों में सांस्कृतिक गतिविधियों के मानक सदस्य रह चुके हैं।

प्रति वर्ष टीएफटी संस्था के माध्यम से ये नाट्य उत्सवों का आयोजन करते हैं। वर्ष 2020- 2021 में भारतीय रंगमंच निर्देशन के लिए सुदेश शर्मा को महामहिम राष्ट्रपति द्वारा संगीत नाटक अकादमी पुरस्कार से सम्मानित किया गया है। इसके अलावा पंजाबी कला केंद्र द्वारा बलराज साहनी पुरस्कार, हरियाणा सरकार द्वारा पंडित लख्मी चंद और उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा सफदर हाशमी पुरस्कार से ये सम्मानित किए जा चुके हैं।

#संध्या नाटक# की कहानी एक वृद्ध मां बाप के ऊपर आधारित है, जो अपने पूरी जिंदगी को अपने बच्चों की परवरिश और पढ़ाई-लिखाई में निकाल देते हैं, पर उनके बच्चे उन्हें छोड़कर विदेश चले जाते हैं। ये दोनों अकेले पति- पत्नी अपने देश में ही जिंदगी गुजारते हैं।

यह नाटक वर्तमान में दर्शकों को खूब भाया, चूंकि आज के जमाने में यही आज के लड़के कर भी रहें हैं। विदेशों में रहने वाले प्रायःउनके लड़के एक तो विदेशी लड़कियों से शादी कर लेते हैं और दूसरे अपने मां-बाप को उलट कर ताकते भी नहीं हैं। इस कहानी के पात्रों में सुदेश शर्मा, मधुबाला, नवदीप बाजवा, कविता, सौरभ शर्मा, नितिन शर्मा, जसपाल बरनाला के अलावे अंकुश राणा, हरविंदर सिंह, नवजीत कौर, वीणा, भूपिंदर कौर, गुरप्रीत सिंह, प्रिंस शर्मा और गोपेश उपामनू मुख्य हैं।

आज के इस नाटक का विधिवत् उद्घाटन नगर के विधायक सह पूर्व मंत्री डा. प्रेम कुमार ने किया और स्थानीय आयोजकों के 88 अवार्डों से सुशोभित रंगकर्मी शंभू सुमन, निर्देशक सुदेश शर्मा,मनोज जी एवं अति विशिष्ट अतिथि श्री विनय कुमार जी उपस्थित रहे।

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