April 17, 2025

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महाकुंभ-2025 : आस्था-व्यवस्था और समरसता का समागम

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मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने सनातन धर्म की गरिमा तथा संस्कृति को अक्षुण्ण बनाने तथा उच्च शिखर पर पहुंचाने हेतु एकजुट होकर जो कार्य किया है,वह अति सराहनीय कदम है। मुख्यमंत्री की अद्यम साहस,संलिप्तता और कार्य कुशलता का ही परिणाम है कि इतना बड़ा और भव्य आयोजन सफल हो रहा है, पूरी दुनिया इसका कायल है। इस कार्य की जितनी भी प्रशंसा की जाय वह कम होगी।

प्रयागराज में आयोजित इस वर्ष का महाकुंभ योगीराज के बेमिसाल दूरदर्शी सोच और तैयारी का प्रतिफल माना जा रहा है। विशेष चौक-चबंद सुरक्षा व्यवस्था, रहने-ठहरने, खाने-पीने, नल-जल,रोशनी, देश-विदेश के तपस्वियों, कल्पवासियों,श्रद्धालुओं तथा साधु-संतों और आखाड़ों के नागा-साधुओं आदि के लिए जो व्यवस्था श्री योगी ने केंद्र सरकार से मिल कर की है,उसे देख लोग दंग हैं,उन्हें लोग मुक्त कंठ से प्रशंसा कर रहे हैं।
मान्यता है कि महाकुंभ के दौरान ग्रहों की स्थिति में विशेष परिवर्तन होता है। नक्षत्र के ज्ञानियों का मत है कि जब बृहस्पति मकर राशि में और सूर्य तथा चंद्रमा व अन्य ग्रह शुभ स्थान पर होते हैं, तब यह संयोग 144 वर्षों बाद एक बार आता है, जिसे अति शुभ,दिव्य तथा अद्भुत माना जाता है। इस योग के प्रभाव से महाकुंभ में स्नान करने वाले श्रद्धालुओं को असिमित पुण्य की प्राप्ति होती है।

महाकुंभ में “अमृत-स्नान” यानी ‘शाही-स्नान’ का बड़ा महत्व है। महाकुंभ का सबसे खास आकर्षण “अमृत-स्नान” का होता है, जो विशेष ग्रह-स्थिति के दौरान आयोजित होता है। उस समय लाखों श्रद्धालु त्रिवेणी-संगम (गंगा,यमुना और सरस्वती) में डुबकी लगाते हैं और अपने द्वारा किए गये जाने-अनजाने पापों से मुक्ति पाने के लिए प्रार्थना करते हैं।

अमृत-स्नान के दौरान ग्रहों की स्थिति के साथ धार्मिक मंत्रों का जो उच्चारण होता है, वह श्रद्धालुओं की आध्यात्मिक उन्नति के मार्ग को दर्शाता है। इस वर्ष 2025 का महाकुंभ विशेष खास है,क्योंकि यह 144 वर्षों के बाद आयोजित है और यह क्षण पवित्र समुद्र मंथन के संयोग से जुड़ा हुआ है। इस मंथन से पृथ्वी पर विशेष ऊर्जा का अवतरण होता है,जिससे यह मेला और भी अधिक पवित्र,दिव्य तथा ऐतिहासिक बन जाता है। महाकुंभ में स्नान करने से न केवल पापों का नाश होता है,बल्कि व्यक्ति को “मोक्ष” की प्राप्ति भी होती है।

यह महाकुंभ आस्था-व्यवस्था का केवल एक आध्यात्मिक अवसर ही नहीं है,बल्कि यह समाज के विभिन्न वर्गों को एक साथ जोड़ने का भी कार्य करता है। यहां पर विभिन्न संत,महात्मा,नागा,किन्नर, साधु,साध्वी और कल्प वासी मिलकर ध्यान साधना करते हैं,जिससे सामाजिक और सांस्कृतिक समरसता का आदान-प्रदान भी होता है। महाकुंभ के इस आयोजन में न केवल भारत के लोगों का बल्कि विदेशों से आए श्रद्धालुओं के लिए भी एक महत्वपूर्ण अनुभव करने का क्षण होता है।

महाकुंभ के इस आयोजन में विशेष रूप से साधु-संतों, योगियों और साधकों के लिए एक समय होता है, जब वे अपनी साधना और ध्यान में लीन होते हैं। वह समय समाज के लिए आध्यात्मिक उन्नति,आत्मज्ञान और धर्म के प्रचार का श्रेष्ठ अवसर प्रदान करता है। महाकुंभ में लाखों श्रद्धालु,संत,महात्मा,योगी आदि सभी सम्मिलित होते हैं,जिससे धार्मिक एवं सांस्कृतिक गतिविधियां तेज होती है और परंपरा को गति मिलती है।
इस वर्ष का ऐतिहासिक महाकुंभ श्री योगी आदित्यनाथ के कुशल मुख्यमंत्रीत्वकाल एवं केंद्र के दक्ष प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व काल में दूरदर्शी अधिकारियों के माध्यम से जो सरकार की ओर से व्यवस्था देने और महाकुंभ को सुंदर एवं सफल बनाने का कार्य किया गया है,उसे सर्वत्र सराहा जा रहा है।

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने सनातन धर्म की गरिमा तथा संस्कृति को अक्षुण्ण बनाने तथा उच्च शिखर पर पहुंचाने हेतु एकजुट होकर जो कार्य किया है,वह अति सराहनीय कदम है। मुख्यमंत्री की अद्यम साहस,संलिप्तता और कार्य कुशलता का ही परिणाम है कि इतना बड़ा और भव्य आयोजन सफल हो रहा है, पूरी दुनिया इसका कायल है। इस कार्य की जितनी भी प्रशंसा की जाय वह कम होगी।

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने महाकुंभ को संस्कृतियों का संगम और श्रद्धा तथा समरसता का समागम बताया है। उन्होंने कहा कि अनेकता में एकता का संदेश देता महाकुंभ-2025, “प्रयागराज” मानवता के कल्याण के साथ ही सनातन से साक्षात कर रहा है। भारत की एकात्मता का जीवंत प्रतीक और आध्यात्मिक तथा सांस्कृतिक चेतना के महासमागम प्रयागराज का भव्य एवं दिव्य आयोजन परम आदरणीय प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी के यशस्वी नेतृत्व व मार्गदर्शन के कारण ही संभव हो सका है।

वहीं देश के प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी ने महाकुंभ पर “प्रयागराज संगम-नगरी”में आने वाले लोगों के लिए कहा कि “आज देश एकसाथ विकसित भारत के संकल्प की तरफ तेजी से बढ़ रहा है। मुझे विश्वास है कि इस “महाकुंभ” से निकली आध्यात्मिक सामूहिक शक्ति हमारे संकल्प को और भी मजबूत बनाएगी। महाकुंभ स्नान ऐतिहासिक हो,अविस्मरणीय हो और मां गंगा, मां जमुना और मां सरस्वती की त्रिवेणी संगम से मानवता का कल्याण हो– हम सबकी यही कामना है। संगम नगरी में आने वाले हर श्रद्धालुओं को मैं शुभकामनाएं देता हूं।”

इस महाकुंभ में डेढ़ लाख टेंट मेला क्षेत्र में लगाए गये हैं, वहीं करीब 70000 एलइडी लाइटिंग और सौर उर्जा हाइब्रिड स्ट्रीट लाइटिंग की व्यवस्था की गई है। जल, थल और वायु सुरक्षा में क्रमशः स्पेशल वोट्स, कमांडो और वायु सेना के हेलीकॉपटरों की तैनाती की गई है। सुरक्षा में 40 कंपनी पीएसी, 85 कंपनी सीआरपीएफ, 20 कंपनी एन.डी.आर.एफ और 6 कंपनी एसडीआरएफ की तैनाती के अलावा पचास हजार से ज्यादा सुरक्षा बलों की तैनाती की गई है।

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