बौद्ध विद्वान एवं पुरातत्व वेत्ता डॉक्टर शत्रुघ्न दाँगी के निर्देशन में ग्रामीणों, बुद्धिजीवियों एवं बुजुर्गों का एक खोजी दल बिहार राज्य के गया जिला अंतर्गत इमामगंज प्रखंड के बुद्ध पहाड़ी की तलहटी में बसे पचमठ गांव का दौरा अवशेषों को ढूंढ निकालने के उद्देश्य से किया।
बुद्ध पहाड़ी की तलहटी में बसा पचमठ स्थल एक विस्तृत क्षेत्र में फैला है। फिलहाल गांव सड़क के किनारे बसा हुआ है, किंतु मैदानी क्षेत्र जो प्राचीन जमाने में पाल काल के बाद चेरो वंश के कोल राजाओं ने जो करीब 300 वर्षों तक यहाँ अंग्रेजों के आने के पूर्व तक शासन करते रहे, उनके महलों तथा लोगों द्वारा प्रयोग में लाए गए बर्तनों आदि के अवशेष अभी भी विस्तृत क्षेत्र में फैले मिलते हैं। वहां अब लोग खेती करना प्रारंभ कर दिया है, किंतु खेत की जुताई में यहां से लोगों को बडी़ मात्रा में बर्तनों के टुकड़े, प्रस्तर खंड, लोडा़, सिलवट आदि मिले हैं, जो ग्रामीणों के पास सुरक्षित हैं। कई अन्य और वहुमूल्य अवशेष उन्हें मिले हैं, उसे वे भय से छुपाए हुए हैं।
एक बड़ी उपलब्धि यह पायी गई है कि यहां प्राचीन जमाने के ऐतिहासिक पूजित मंदिर के अवशेष हैं, जिसे ग्रामीण अब उसे सुरक्षित कर बाहर से मंदिर का नव निर्माण कार्य करा रहे हैं। मंदिर के गर्भ गृह में अति प्राचीन काल के जहां गांधार कला की बुद्ध, गणेश व अन्य कई खंडित मूर्तियों के अवशेष मिले हैं, वहीं बैसाल्ट की बनी अति सुंदर प्राचीन नंदी और शिवलिंग भी गर्भ गृह में स्थापित पाये गए हैं। ग्रामीणों ने इसे सुरक्षित रखते हुए बाहर से मंदिर का नवनिर्माण कार्य करा रहे हैं।
आश्चर्य तो तब हुई जब मंदिर के आगे दो बड़े ही महत्वपूर्ण मूर्तियुक्त कलाकृति वाली पांच-पांच फीट के दो प्रस्तर स्तंभ भी देखने को मिले। इसे ग्रामीणों ने मंदिर के आगे सीमेंट से सुरक्षित जाम करा दिया है। इन स्तंभों और बुद्ध की अद्भुत मूर्तियों के पाये जाने से यहां की प्राचीन विरासत स्पष्ट उजागर होती है। इतना ही नहीं बुद्ध पहाड़ी में शीर्ष पर बुद्ध मंदिर के पास ही एक बौद्ध कालीन कुंआ का भी पता चला है, जिसे ग्रामीणों ने उसे आगामी 19 दिसम्बर को खुदाई करने तथा आगामी पहली जनवरी को व्यापक पैमाने पर इस महत्वपूर्ण ऐतिहासिक स्थल पर समारोह करने का निर्णय लिया है।
आवश्यकता है अब इन स्थलों को बडे़ पैमाने पर सर्वेक्षण, उत्खनन, संरक्षण एवं संवर्द्धन करने की । इस कार्य के लिए लोक कला विकास मंच, इमामगंज ने पूर्व से ही इसे विकसित करने हेतु कदम उठा रखी है। मंच के महासचिव सुमन कुमार ने बताया कि शीघ्र ही हमारे सभी सदस्यगण इस ओर विशेष ध्यान देकर सहयोग प्रदान करेंगे।
खोजी दल में क्षेत्र के वयोवृद्ध जानकार देव शरण सिंह, स्थानीय अरुण पाठक, वरीय अधिवक्ता रघुनंदन प्रसाद, अधिवक्ता रामसेवक प्रसाद, अधिवक्ता विनय प्रसाद, भूतपूर्व सरपंच शिव नारायण सिंह, सचिव दिलीप दास, राजदेव राम, रामदास भारती, सुदामा पंडित, अजीत प्रसाद, परमेश्वर दास,कमलेश भूईंया,लेखा पासवान,अखिलेश कुमार तथा धीरेन्द्र कुमार आदि प्रमुख हैं।