कोंकणी भाषा-संस्कृति को बढ़ावा देने के लिए दिल्ली सरकार ने बनाई कोंकणी अकादमी

हाल ही में दिल्ली सरकार ने कैबिनेट बैठक में कोंकणी अकादमी की स्थापना को मंजूरी दी है। राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र में कोंकणी भाषा और संस्कृति को बढ़ावा देने के लिए…

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सम्पूर्ण तीर्थ स्थलों में श्रेष्ठ है भगवान विष्णु की नगरी ‘‘गया‘‘

गया तीर्थ भारत में सभी तीर्थों से श्रेष्ठ तथा महान बताया गया है। यह पितृतीर्थ, भगवान विष्णु की नगरी होने के कारण सभी तीर्थों में श्रेष्ठ तथा शुभ माना गया…

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समृद्ध विरासत में बिहार का एक महान बौद्ध स्थल ” केशपा ” की प्रसिद्धि

यह स्थल वज्रयानियों व तांत्रिकों के मुख्य केंद्र के रूप में  प्रतिष्ठित रही है। यहां मां तारा की आराधना भक्तजनों द्वारा शंभूनाथ-वाक्शक्ति की प्राप्ति आदि को मोक्ष देने वाली के…

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बिहार में सरकारी उपेक्षा का शिकार धरावत का ऐतिहासिक मंदिर

हाल के वर्षों में यहां से मौर्यकालीन आहत ढालुएँ स्वर्ण- मुद्राएं ,चैत्यों व स्तूपों के भग्नावशेषों से ।।तथागतस्य बुद्धस्य।। लिखे बड़ी मात्रा में सीलें, स्तूप के लगे ठप्पे की ईंटें…

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पितृपक्ष मेला स्थगित करने के विरोध में गया पाल पंडा समाज एवं श्री विष्णुपद मंदिर प्रबंधन समिति

 राज्य सरकार तथा स्थानीय प्रशासन ने कोरोना की वजह से गया में पितृपक्ष के दौरान पिंड दान, तर्पण और श्राद्ध पर लगायी रोक  गया पाल पंडा समाज तथा श्री विष्णुपद…

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ऑस्ट्रेलियन लड़की से विवाह करना टिकारी महाराजा कैप्टन गोपाल शरण की भूल थी ?

सुरा और सुंदरियों की भेंट चढ़ गया मगध का टिकारी राज किला  (पार्ट-4) महाराजा कैप्टन गोपाल शरण काफी खूबसूरत, मृदुल स्वभाव और रंगीन मिजाज के व्यक्ति थे । इनका महल…

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1765-1883 : मगध की शान “टिकारी राज किले” में दफन हैं कई ऐतिहासिक राज (पार्ट-3)

टिकारी राज किले के राजा फतेह सिंह के छोटे भाई नेहाल सिंह के बडे़ पुत्र पीताम्बर सिंह को राजा फतेह सिंह की विधवा रानी लग्न कुंअर द्वारा गोद लिए जाने…

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18वीं सदी का मगध का सशक्त जमींदार था सुंदर सिंह

टिकारी राज किला (भाग-2) 18वीं सदी का विख्यात इतिहासकार 'सैयद गुलाम हुसैन खान' ने अपनी पुस्तक" सियारूल मुताखरीन " में लिखा है कि सुंदर सिंह मगध का एक बड़ा सशक्त…

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बौद्ध से लेकर आधुनिक इतिहास का गवाह टिकारी राज का किला     (भाग-1)

टिकारी राज का किला अब अवशेष मात्र है भारत में बिहार राज्य के गया जिला अंतर्गत टिकारी राज का ऐतिहासिक किला महाभारत कालीन बाणासुर के साम्राज्य से फलता-फूलता बौद्ध ,मौर्य,…

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सात सांस्कृतिक कालों का साक्षी : बोधगया

सन् 1981 -82 में पुरातत्व निदेशालय बिहार द्वारा तारा डीह पुरातात्विक स्थल का पुनः खुदाई निदेशक डॉक्टर प्रकाश चरण प्रसाद के नेतृत्व में आरंभ की गई, जिसमें नवपाषाण काल से…

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