January 28, 2025

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राजनीतिक एवं निजी जिंदगी के सबसे बुरे दौर में डोनाल्ड ट्रम्प

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पॉलिसी की अवहेलना का दोषी मानते हुए फेसबुक-ट्विटर के बाद अब यूट्यूब और इंस्टाग्राम ने भी ट्रम्प का अकाउंट किया ब्लॉक

अमेरिका के निवर्तमान राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प किसी न किसी विवादों के कारण हमेशा ही चर्चा में रहते हैं। पद पर रहते हुए भी कई बार अपने बयानों और कारनामों के कारण उनकी काफी किरकिरी हुई है। अमेरिका के राष्ट्रपति चुनाव के परिणाम आने के बाद ट्रम्प अपने प्रतिस्पर्धी जो बाइडेन से पिछड़ गये, जिसकी उन्होंने कभी कल्पना नहीं की थी। उन्हें शायद यही लग रहा था कि चुनाव में उनकी जीत पक्की है और अमेरिकी सत्ता की कमान दोबारा उन्हीं के हाथ में होगी। ट्रम्प कई बार सार्वजनिक तौर पर भी बयान दे चुके हैं कि वह दोबारा जीतकर आ रहे हैं।

लेकिन, अमेरिका के मतदाताओं ने डोनाल्ड ट्रम्प को दोबारा मौका देना उचित नहीं समझा। हालांकि वह सत्ता में बने रहने के लिए कई पैतरे अपनाए लेकिन उनका एक भी पैंतरा काम नहीं आया। उनके कारनामों से विश्व के सबसे शक्तिशाली देश की सत्ता, शासन, प्रशासन, कानून, न्यायालय आदि सभी के माखौल उड़ने लगे। दुनिया में सबसे पहले लोकतंत्र की बुनियाद रखने वाला देश अमेरिका में लोकतंत्र की धज्जियां उड़ गई।

छोटे-छोटे और पिछड़े हुए देशों को नसीहत देने वाला अमेरिका को अपने गिरेबान को झांकने का मौका ट्रम्प ने ही दिया। 206 साल में पहली बार ऐसा हुआ है कि एक हारा हुआ प्रतिस्पर्धी ने व्हाइट हाउस नहीं छोड़ने के लिए क्या-क्या तरकीबें नहीं अपनायी। जो बाइडेन को अमेरिका के नये राष्ट्रपति के रूप में मानने को डोनाल्ड ट्रम्प तैयार नहीं हैं। उन्होंने बाइडेन को अब तक जीत की शुभकामनाएं भी नहीं दी है।

डोनाल्ड ट्रम्प ने मतगणना में गड़बड़ी होने और उन्हें हराने की साजिश रची जाने की बात कहकर दुनिया की सबसे शक्तिशाली विधि व्यवस्था पर सवाल खड़ा कर दिया। उसके बाद दुनिया भर में फब्तियां कसी जाने लगी और अमेरिका की चौधराहट अर्थात तानाशाही से खार खाये लोग मजे लेने लगे। ट्वीटर, फेसबुक और अन्य सोशल साइट्स पर मीम्स, जोक्स और कार्टून्स बाढ़ आ गई।

एक देश का निवर्तमान राष्ट्रपति इस तरह का बयान दे रहा हो कि मतगणना में गड़बड़ी हुई है, यह अमेरिका जैसे देश के लिए छोटी बात नहीं है। ट्रम्प के कथित आरोपों के बाद तकनीकी सम्पन्न देश अमेरिका में वहां की सर्वोच्च अदालत की निगरानी मेे मतगणना हुई, उसके बाद भी ट्रम्प हार गये लेकिन उन्होंने हार स्वीकार नहीं की। हालांकि उनके परिवार के सभी सदस्यो ने मान लिया कि ट्रम्प हार चुके हैं और इस हार का पहला झटका उनकी पत्नी मेलानिया ने उनको दी।
चुनाव परिणाम आने के बाद मेलानिया ने डोनाल्ड ट्रम्प से तलाक लेने का फैसला किया है। इस परिणाम ने ट्रम्प के परिवारिक जीवन में भूचाल ला दिया है। मेलानिया ट्रम्प ने जल्दी ही उनके पास तलाक की नोटिस भेजने की बात कही है।

ट्रम्प का कार्यकाल 20 जनवरी 2021 तक है। मतलब अब चंद दिन ही बचे हैं लेकिन उनकी कारगुजारियों के कारण उनपर महाभियोग चलाने की तैयारी की जा रही है। उनपर इस्तीफे का दबाव दिया जा रहा है। कहा जा रहा है कि जाते-जाते ट्रम्प ने कई ऐसे फैसले ले लिए जो अमेरिका के हित के हित में नहीं हैं। इसलिए बचे हुए चंद दिन के कार्यकाल से पहले ही ट्रम्प की बर्खास्तगी की तैयारी चल रही है।

हालांकि अमेरिकी प्रतिनिधि सभा का नेतृत्व भले ही डेमोक्रेट्स के हाथ में चली गयी हो लेकिन रिपब्लिकन सदस्यों की संख्या अधिक है। ट्रम्प पर महाभियोग चलाने के लिए दो तिहाई बहुमत की दरकार है जो डेमोक्रेट्स के पास नहीं है। सीनेट के 100 सांसदों में 67 सांसदों को ट्रम्प के खिलाफ महाभियोग के लिए मंजूरी देनी होगी, दस्तखत करनी होगी अथवा वोटिंग करनी होगी। वर्तमान में अमेरिका में सीनेट की संख्या 98 है। रिपब्लिकन सदस्यों की संख्या अधिक होने के कारण ट्रम्प के खिलाफ महाभियोग के प्रस्ताव में अड़चनें आ रही है, लेकिन इतना तय है कि अमेरिकी जनता की नजरों में ट्रम्प काफी गिर चुके हैं और उनका राजनीतिक कॅरियर अब अस्ताचल की ओर है।

ट्रम्प के इशारे पर उनके समर्थकों ने यूएस कैपिटल में जो हिंसा की है उससे अमेरिका के लोकतंत्र पर काला धब्बा लगा है। ट्रम्प ने एक अपरिपक्व राजनेता का परिचय देते हुए अमेरिका में जो गुस्ताखियां की है उसकी भरपाई संभव नहीं है। अमेरिका की जनता शायद ही उन्हें दोबारा मौका दे सकें।

ट्रम्प की लोकप्रियता में तेजी से गिरावट आई है। एक शाक्तिशाली देश का राष्ट्रपति हमेशा ही अपने पावर का इस्तेमाल देश का रूतबा बढ़ाने में करता है। अमेरीकियों ने एक से बढ़कर एक सनकी राष्ट्राध्यक्षों का भी दौर देखा है। देश-दुनिया में अपने रूतबे को कायम करने के लिए फ्रेंक्लिन डी. रूजबेल्ट ने नागासाकी और हीरोसीमा पर परमाणु बम गिरवा दिया। फिर भी अमेरिका में उनकी इतनी भद्द नहीं पिटी थी क्योंकि उन्होंने अमेरिकी बादशाहत को दुनिया को दिखाने के लिए ऐसा किया था। लेकिन ट्रम्प ने जो किया उससे अमेरिका की जग-हंसाई हो रही है।

ट्रम्प के विवादित बयानों को लेकर सोशल मीडिया ने कई बार उनको बैन कर दिया है। अमेरिका मेें रिपब्लिकन समर्थकों की हिंसा के बाद फेसबुक और ट्विटर ने ट्रम्प का अकाउंट बंद कर दिया था। कारण था कि, ट्रम्प ने अमेरिका में हुई हिंसा की वीडियो ट्विटर के माध्यम से प्रसारित कर दिया। उसके बाद ट्विटर प्रबंधन ने पॉलिसी की अवहेलना का दोषी मानते हुए उनका अकाउंट बंद कर दिया। हाल ही में यूट्यूब और इंस्टाग्राम ने भी ट्रम्प के अकाउंट सस्पेंड कर दिये।
डोनाल्ड ट्रम्प पर महाभियोग प्रस्ताव की मंजूरी मिलेगी या नहीं यह महत्वपूर्ण नहीं है। क्योंकि उनका कार्यकाल अब चंद दिनों का है और डेमोक्रेट्स के पास सांसदों की पर्याप्त संख्या भी नहीं है।

महत्वपूर्ण यह है कि ट्रम्प आज अपने किये के कारण ही उपहास का पात्र बने हुए हैं। किसी भी देश के राष्ट्रपति पद को सुशाभित करने वाला व्यक्ति हमेशा ही उस देश के लिए खास होता है, चाहे वह पद पर रहे या नहीं रहे। लेकिन ट्रम्प शायद उस गरिमा को पचा नहीं पाये जिस पद पर बैठकर चार साल तक सत्ता को अपनी मर्जी से हांका है।

ट्रम्प ने अपने कार्यकाल के दौरान कई ऐसे फैसले लिये जिससे अमेरिका की दुनियाभर में काफी बदनामी हुई है। नये आव्रजन कानून सहित कई कानूनों को लेकर अमेरिका के कई देशों से रिश्ते खराब हो चुके हैं। गैर अमेरीकियों को अब वहां शिक्षा, नौकरी और अपना व्यवसाय करना आसान नहीं हैं। ट्रम्प ने अपने कार्यकाल में अमेरिका को काफी नुकसान पहुंचाया है और उससे निपटने के लिए नये राष्ट्रपति जो बाइडेन को कई चुनौतियों का सामना करना पड़ेगा।

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