April 1, 2025

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नई पीढ़ियों के चरित्र निर्माण कार्य में जुटा संस्कारशाला

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ग्रीष्मकालीन छुट्टियों के अवसर पर 21 दिनों का समर- कैंप चलाकर नाट्य, नृत्य, चित्रकला, हस्तकला आदि का प्रशिक्षण देकर बच्चे-बच्चियों के बीच चरित्र निर्माण का कार्य किया जा रहा है। इस कार्य को वर्ष 2003 से लगातार कला ज्योति संस्कारशाला के संस्थापक रंगकर्मी शंभू सुमन द्वारा कार्य शाला के माध्यम से शिविर चलाकर बच्चे- बच्चियों के बीच चरित्र निर्माण का कार्य किया जा रहा है।

इस वर्ष विशेष रूप से 45 दिनों का साप्ताहिक प्रशिक्षण शिविर का आयोजन कर श्री सुमन जो 88 अवार्डों से सम्मानित हैं, ने इसे यादगार के रूप में स्थायित्व प्रदान करने के लिए वर्ष 2023 के विश्व रंगमंच दिवस का चुनाव किया। इसके लिये उन्होंने लोकसभा के डिप्टी सेक्रेटरी श्री सुमेश कुमार एवं मगध प्रमंडल के सूचना एवं जनसंपर्क विभाग के उपनिदेशक श्री दीपक चंद्र देव इन दोनों मुख्य अतिथि की उपस्थिति में इसे समारोह पूर्वक संपन्न किया। इस अवसर पर गया के प्रसिद्ध रंगकर्मी श्री एस.एम. गुर्जर विशिष्ट अतिथि तथा अन्य कई लोग बड़ी संख्या में उपस्थित रहे।

विषय प्रवेश करते हुए रंगकर्मी श्री सुमन ने अपने संचालित संस्कारशाला का इतिहास देते हुए बतलाया कि बच्चों के बीच “भरत मुनि” जिन्हें नाट्यशास्त्र का जनक माना जाता है, उनका जिक्र करना यहां आवश्यक है। उनके बताये नौ रसों पर कार्य करना ही अपने आप में एक समग्र साहित्य है, जो व्यक्ति के व्यक्तित्व का निर्माण करता है। लोक सभा डिप्टी सेक्रेटरी सुमेश कुमार ने समारोह को संबंधित करते हुए कहा कि इस विद्या के मंदिर में 30 वर्षों बाद पहली बार बच्चों के बीच कदम रखा हूं।

शंभू सुमन जी द्वारा लगातार करीब 21 वर्षों से संस्कारशाला के माध्यम से जो प्रशिक्षण दिया जा रहा है, यह बड़े गर्व की बात है और यह अति सराहनीय कदम है। श्री सुमन जी ने भारत के भविष्य निर्माण हेतु जो कार्य कर रहे हैं, यह सचमुच अपने आप में अद्भुत कार्य है। इस कार्य से प्रभावित होकर उन्होंने आने वाले दिनों में कार्यशाला में सबसे मेधावी छात्र को उन्हें प्रतिमास ₹500 का स्कॉलरशिप अपनी ओर से देने की घोषणा भी की।

वरिष्ठ रंगकर्मी श्री एस. एम. गुर्जर ने श्री सुमन जी के कार्यों की सराहना करते हुए उन्हें गया का गौरव बताया। मुख्य अतिथि श्री सुमेश कुमार एवं उपनिदेशक श्री दीपक चंद्र देव को भगवान बुद्ध का प्रतीक चिन्ह एवं शाल देकर उन्हें सम्मानित किया गया। इस अवसर पर भाग लेने वाले सभी प्रतिभागियों को प्रमाण पत्र दिया गया तथा उनके उज्जवल भविष्य की कामना की गई। विद्यालय की शिक्षिकाएं, शिक्षक एवं अभिभावकगण बड़ी संख्या में उपस्थित रहे।

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