लेह में शहीद हुए संतोष कुमार ने युवाओं और देशवासियों को देश प्रेम की प्रेरणा दी
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बिहार राज्य के गया जिले में परैया प्रखंड अंतर्गत अमौखर गांव निवासी 71 रेजीमेंट के’संतोष कुमार’ की ड्यूटी के दौरान कश्मीर के लेह(लद्दाख) में पानी के टैंकर में विस्फोट से 16 फरवरी 2025 को मृत्यु हो गई। शहीद कुमार का पार्थिव शरीर पटना के दानापुर कैंट से सैनिक-वाहन जिस पर “संतोष का फोटो के साथ लेह से पटना” लिखा था, द्वारा गया और फिर परैया बाजार होते हुए काफिले के बीच गगन भेदी “संतोष कुमार-अमर रहें” नारों के साथ उनके पैत्रिक गांव “अमौखर” पहुंचने के क्रम में हजारों की भीड़ संतोष कुमार के पार्थिव शरीर को देखने हेतु सडक़ के दोनों ओर खड़ी थी । सैनिक वाहन में सवार पार्थिव शरीर पर लोग फूल-मालाओं की वर्षा कर रहे थे और संतोष कुमार “अमर रहे” के नारों से सारा वातावरण गुंजायमान हो उठा था।
शहीद की गली में अहले सुबह से ही आमौखर गांव में आला पदाधिकारियों, प्रबुद्ध जनों की भीड़ दर्शन के लिए उमड़ी हुई थी। शहीद का शरीर गांव पहुंचकर ज्योहीं वाहन से उतारकर सेना के जवानों ने अपने कंधे पर लेकर उनके पैत्रिक घर की ओर ले चले तो लोगों की खचाखच भीड़ ने “संतोष कुमार” “अमर रहे” के नारों से वातावरण गुंजायमान कर दिया। गलियां व सड़क मार्ग को ग्रामीणों ने तीरंगों से सुसज्जित कर रखा था। उनके घर के आगे जवानों ने जब प्रशासन द्वारा बनाए हुए अस्थायी चबूतरे पर शव को रखा,तो शव को देखते ही उनकी पत्नी कनक कुमारी बेहोश होकर गिर पड़ी और बार-बार बेहोश होने लगी। करीब एक घंटे तक शव को वहां रखकर परिवार वालों से मिलाने के बाद सैनिक पार्थिव शरीर को अंतिम प्रक्रिया करने हेतु अंतेष्टि के लिए वहां से नदी घाट ले गए।
इसके पूर्व उनके पिता अभिमन्यु कुमार अपने पुत्र का समाचार पाकर अत्यंत व्यथित और विह्वल थे। ज्योहिं (डा.शत्रुघ्न दांगी) उनके घर पर पहुंचे तो वे लिपटकर दहाड़ मारकर रोने लगे। उन्हें सांत्वना देते हुए साथ में बैठाये,जहां एडवोकेट विजय कुमार, गुरुआ विधायक विनय कुमार यादव, हम पार्टी के वरिष्ठ नेता प्राचार्य राधेश्याम प्रसाद,उपरहुली के राजकुमार सिंह दांगी आदि बड़ी संख्या में गणमान्य लोग शव के इन्तजार में बैठे थे। संतोष की घर वाली गली में सुबह से ही आगंतुकों के अलावे महिलाओं की भी भारी भीड़ जमी हुई थी।
सुबह काफिला के साथ फूलों से लदे सैनिक वाहन द्वारा शव गांव के सटे पश्चिमी सड़क पर आकर रुका। वहां से सैनिक अपने कंधों पर शव को पैतृक घर के सामने प्रशासन द्वारा बनाए गए आसन पर लाकर रखा और परिवार वालों से शव का अंतिम दर्शन कराया। शव को पुनः सेना के जवानों ने वापस सेना की फूलों से सजी उसी गाड़ी पर रख कर सर्वोदय नगर स्थित मोरहर नदी श्मशान घाट ले गये, जहां उनकी अंत्येष्टि का कार्य सैनिकों के नेतृत्व में संपन्न होना था। ड्रोन से फोटो लिए जा रहे थे तथा आकाश से फूल बरसाये जा रहे थे।
नदी घाट पर प्रशासन द्वारा बालु पर सज्जित लाल कारपेट बिछाये गए थे।अंतेष्टि क्रिया संपन्न करने हेतु आयोजित स्थल पर शव को रखा गया, जहां जवानों ने मातम धून बजाकर सलामी दी। संतोष कुमार के पार्थिव शरीर पर फूलों का सम्मान-चक्र बारी-बारी से उनकी पत्नी कनक कुमारी, बड़े पुत्र शुभम, छोटे पुत्र शिवम तथा आला अधिकारियों ने फूलों से सजे चक्र को अर्पित कर सम्मान किया।
इस मौके पर कनक कुमारी के पिता श्री राम नरेश प्रसाद, बड़े भाई धर्मेंद्र कुमार तथा छोटे भाई किसलय कुमार के अलावा बड़ी संख्या में परिवार वाले लोगों ने उन्हें सम्मान स्वरूप श्रद्धा सुमन अर्पित किए। उनमें प्रमुख रूप से विधान पार्षद डॉक्टर कुमुद वर्मा, विधायक विनय कुमार यादव, पूर्व विधायक रामचंद्र प्रसाद सिंह, पूर्व विधायक प्रोफेसर कृष्णनंदन यादव, जदयू जिला अध्यक्ष द्वारिका प्रसाद, हम के वरीय नेता प्राचार्य राधेश्याम प्रसाद, भाजपा नेता विनोद प्रसाद दांगी, राजद जिला अध्यक्ष सुभाष यादव, नेता अजय दांगी,नेता आकाश दयाल,नेता डाडेल,ईंजि.भवेश कुमार, उपरहुली के शिवजी,शोधार्थी निशांत करन आदि तथा एसडीओ सुजीत कुमार, एसडीपीओ सुशांत कुमार चंचल, प्रखंड विकास पदाधिकारी ट्विंकल आदि बड़ी संख्या में लोगों ने श्रद्धांजलि दी।
सेना के अधिकारी ने संतोष की पत्नी कनक कुमारी को सेना-सम्मान में तिरंगा व अन्य दस्तावेज प्रदान किये। वहीं घाट पर शहीद को गार्ड- आफ- ऑनर शस्त्र बल ने दिया। इसके बाद शव को संतोष के बड़े पुत्र शुभम ने मुखाग्नि छोटे भाई शिवम की उपस्थिति में दी। दाह संस्कार शुरू होने पर सेना के अधिकारी व जवान वहां से वापस लौटे और शहीद की पत्नी को 21 लाख रुपए का चेक सेवा के अधिकारी संदीप कुमार ने एसडीओ सुजीत कुमार एवं सीओ केशव किशोर की उपस्थिति में सुपुर्द किया।