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गया : केशपा की ऐतिहासिकता को जानने आई फ्रांसीसी टीम

राज्य एवं केन्द्र सरकार को ऐसे प्राचीन धरोहरों, पुरातात्विक एवं धार्मिक स्थलों को पर्यटन की दृष्टि से महत्वपूर्ण समझते हुए अधिक विकास करने की आवश्यकता है, जिससे कि आम लोगों के लिये रोजगार का सृजन और सरकार के राजस्व में वृद्धि हो सके।

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बिहार के गया जिला अंतर्गत टिकारी प्रखंड स्थित बौद्ध जगत के महान् बौद्ध भिक्षु एवं भगवान बुद्ध के अनन्य वरीय शिष्य महाथेरा महाकश्यप का गांव “केशपा” में फ्रांस से पर्यटकों का एक दस सदस्यीय टीम पर्यटक गाइड राकेश के नेतृत्व में ऐतिहासिक स्थल केशपा की ऐतिहासिकता को जानने हेतु पहुंची। ग्रामीणों ने उन्हें फूल-माला और बाजे-गाजे के साथ गर्मजोशी से स्वागत किया। महिलाओं ने उन्हें ललाट में अच्छत-चंदन लगाकर आरती उतारीं।

धार्मिक एवं ऐतिहासिक गांव केशपा में लिपि युक्त बौद्धों एवं हिन्दुओं की पूजित “मां तारा देवी” की प्रसिद्ध आदमकद प्रतिमा एक छोटे से मंदिर में स्थापित है। आस्था की इस देवी को पूजने और मन्नत मांगने दूर-दूर से श्रद्धालु यहां आते हैं। बीच गांव में यहां भगवान बुद्ध की अभय मुद्रा में एक भव्य अति आकर्षक आदमकद लिपि युक्त विशाल खड़ी प्रतिमा भी स्थित है, जो विष्णु के नाम से पूजित है। वह खुले आकाश में अपरदन से बुरी तरह शिकारग्रस्त है। इसपर न तो पुरातत्व विभाग ध्यान दे रहा है और ना ही यहां के ग्रामीण ध्यान दे रहे हैं। यहां अन्य ढेर सारी पुरातात्विक एवं धार्मिक दृष्टि से अति महत्वपूर्ण प्रतिमाएं भी खेत-खलिहानों में उपेक्षित बिखरी पड़ी हैं।

यह गांव प्राचीन काल से ही ऐतिहासिक एवं धार्मिक दृष्टि से प्रसिद्ध रहा है। विशेषकर आज तो इसकी महिमा इतनी बढ़ी है कि यहां देश-विदेश के पर्यटक सालो भर मां तारा देवी का दर्शन एवं अन्य पुरातात्विक स्थलों का अध्ययन करने के लिये आते रहते हैं। नवरात्रि के समय तो यहाँ भक्तों की.भारी भीड़ जुटती है।

बौद्ध जगत के यहां त्तीनों सम्प्रदायों हीनयान, महायान एवं वज्रयान के बौद्ध भिक्षुगण अपनी श्रद्धा निवेदित करने आते हैं। पर्यटकों का यहाँ तांता लगभग सालों भर लगा रहता है। यहां की प्राचीन ऐतिहासिकता, मंदिर तथा मूर्तियों की विशेष जानकारी पर्यटकों के बीच डी.आर.पाटील, पुराविद् वेगलर, बुकानन आदि के रिप़ोर्टों से प्राप्त होता है।

इस क्षेत्र के प्रसिद्ध इतिहासकार एवं पुरातत्ववेत्ता डॉक्टर शत्रुघ्न दांगी ने यहां के पुरावशेषों और पुरातात्विक,धार्मिक तथा ऐतिहासिक स्थलों का अध्ययन कर इसे विकसित, सुरक्षित एवं संरक्षित करने की मांग बिहार पुरातत्व निदेशालय से किया है। साथ ही उन्होंने मांग की है कि यदि ऐसे ऐतिहासिक स्थलों को विकसित किया जाय तो बिहार पर्यटन को काफी बढ़ावा मिलेगा और रोजगार सृजन भी होगा।

टुरिस्ट गाइड राकेश कुमार ने फ्रांसीसी भाषा में यहां की ऐतिहासिकता तथा ग्रामीणों द्वारा यहाँ पधारे फ्रांसीसी मेहमानों व पर्यटकों के प्रति श्रद्धा भाव को बड़े ही अच्छे ढंग से समझाया। इस आयोजन का श्रेय यहां के महान् समाजसेवी एवं गांव के प्रखर हितैषी हिमांशु शेखर, मुखिया तथा ग्रामीणों को जाता है।

टीम नेत्री महिला पर्यटक मिसेज लिंडा के साथ मिसेज थेरेसिया वेरोनिका, मिसेज वैलेरी आइचा डैनिल, मिस्टर मार्शल, मिस्टर बैरोन, मिस्टर जीन पाल, मिसेज कलैरी जिसले, मिसेज़ एरिक मार्शेल मर्क, मिसेज मैरी यवोने और मिस. मैरी फ्रैंक्वाइस शामिल थीं। यहां की ऐतिहासिकता को जानकर वे सभी अत्यंत प्रसन्नचित हुए। सभी ने कहा कि इस स्थल को और भी विकसित करने की आवश्यकता है।

भारत सरकार एवं बिहार सरकार दोनों को ही चाहिए कि ऐसे प्राचीन धरोहरों,पुरातात्विक एवं धार्मिक स्थलों को पर्यटन की दृष्टि से महत्वपूर्ण समझते हुए अधिक विकास करने की आवश्यकता है,जिससे कि आम लोगों के लिये रोजगार का सृजन और सरकार के राजस्व में वृद्धि हो सके।

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