January 29, 2025

News Review

Hindi News Review Website

युद्ध समाधान नहीं! लेकिन पाकिस्तान पर भरोसा भी नहीं

1 min read

कश्मीर मसले पर युद्ध की भाषा बोलने वाले इमरान खान कर रहे हैंं शांति की अपील

पुलवामा में आतंकी हमले के बाद भारत-पाक के बीच युद्ध जैसे हालात पनप गये हैं। अब जो कुछ भी हो रह है वह दोनों देशों को युद्ध के रास्ते पर लेकर जा रहा है। पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान भारत को बार-बार समझाइश दे रहे हैं कि युद्ध विकल्प नहीं है। हम हर स्तर पर बात करने को तैयार हैं लेकिन भारत सरकार उनकी एक बात भी सुनने को तैयार नहीं है। क्योंकि इस बार पाकिस्तान की ओर से किया ही ऐसा गया कि हर भारतवासी का खून खौल रहा है। भारत के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी से इस बार पाकिस्तान को अच्छी तरह सबक सिखाने की मांग की जा रही है। हालांकि बालाकोट में जैश के आतंकी ठिकानों को ध्वस्त कर भारतीय वायुसेना ने 40 जवानों की शहादत का बदला ले लिया है। कहा जा रहा है कि भारतीय वायुसेना के युद्धक विमान मिराज-2000 ने 1000 किलो बम गिराकर जैश के आतंकी ठिकानों को ध्वस्त कर दिया है। वायुसेना के इस शौर्य को सजिकल स्ट्राइक 2.0 नाम दिया गया है।

भारतीय वायुसेना की इस कार्रवाई पर पाक ने कहा कि भारत का विमान बालाकोट में खाली जगहों पर हड़बड़ी में बम गिराकर चला गया। इसमें किसी तरह के हताहत होने से पाक सरकार के साथ-साथ आतंकी संगठन जैश ए मोहम्मद ने भी इंकार किया है।  इस घटना के बाद पाक सरकार ने भी पलटवार करने के लिए युद्धक विमान एफ-16 भारतीय सीमा में बमबारी करने के लिए भेजा। भारत सरकार के मुताबिक भारतीय सेना ने पाक के एफ-16 को ध्वस्त कर दिया है।  पाक के प्रधानमंत्री इमरान खान ने कहा है कि भारत पर पलटवार करने के लिए पाक सेना को आदेश दिया गया है। इसके साथ ही उन्होंने इस बात को फिर दोहरायी है कि पाकिस्तान जंग नहीं चाहता है। पाकिस्तान हर स्तर पर भारत के साथ वार्ता के लिए तैयार है।

इमरान खान पुलवामा हमले के बाद से ही भारत के साथ वार्ता चाह रहे हैं, लेकिन इसके साथ ही जंग की भी बात कर रहे हैं कि अगर भारत उनकी बात नहीं मानता है तो हम भी जंग के लिए तैयार हैं। पल की घटनाओं पर नजर डालें तो इमरान खान अपने ही बयान पर कायम नहीं हैं। क्योंकि हर बार उनके बयान में अंतर दिख रहे हैं। इसपर भारत की ओर से कहा जा रहा है कि इमरान खान पाक सेना की लिखी स्पीच को पढ़ रहे हैं, इसलिए पाकिस्तान भरोसे के लायक नहीं है।

वैश्विक आतंकवाद को लेकर हर देश पाकिस्तान को निशाने पर ले रहा है और भारत के साथ खड़ा दिख रहा है। विशेषकर मुस्लिम देश भी आतंकवाद को लेकर पाकिस्तान को खरी-खोटी सुना रहे हैं। पाकिस्तान इस मामले को जल्द से जल्द ठंडा होने देना चाहता है कि ताकि अंतर्राष्ट्रीय जगत का ध्यान इधर से हट जाये। क्योंकि पूरी दुनिया में पाकिस्तान की थू-थू हो रही है। पाकिस्तान इसकी काट ढूंढ रहा है कि विश्व जगत का ध्यान कैसे इधर से भटकाया जाये और यह तभी संभव है जब भारत अघोषित युद्ध रोकने पर सहमत हो जाये। इसलिए बार-बार पाकिस्तान के हुक्मरान इमरान खान को भारत के आगे गिड़गिड़ाना पड़ रहा है, लेकिन भारत के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने साफ तौर पर कह दिया है कि अब वार्ता का दौर खत्म हो गया है। अब शौर्य दिखाने का वक्त आ गया है। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने भी देशवासियों को आश्वासन दिया है कि पुलवामा हमले के आतंकियों को इसकी बड़ी कीमत चुकानी पड़ेगी।

बहरहाल, भारत की सैन्य ताकतों और सैन्य कार्रवाई को देखकर पाक प्रधानमंत्री इमरान खान को कहना पड़ रहा है कि हम अपनी जमीन पर आतंकी गतिविधियों रोकने का पूरा प्रयत्न करेंगे। पाकिस्तान में जितने भी आतंकी संगठन चल रहे हैं उसपर नियंत्रण करने के लिए हम नये तरीके से समीक्षा करने जा रहे हैं। इमरान खान के इस तरह के बयानों से स्पष्ट हो जाता है कि पाकिस्तान के आतंकी संगठनों के क्रिया कलापों से वह पूरी तरह अवगत हैं। लेकिन यह भी सत्य है कि पाक सेना के सहयोग से चलने वाले इन आतंकी संगठनों पर वहां की चुनी हुई सरकार कभी लगाम नहीं कस पायी है। इसलिए इमरान खान पर कैसे भरोसा कर लिया जाये?

इमरान खान ने पाकिस्तान की सत्ता पर काबिज होने के बाद कई बार कश्मीर का राग अलापा है। उन्हें अपने घर को संभालने की फिक्र नहीं है लेकिन वह कश्मीरियों की आवाज बनना चाहते हैं। उनके बयानों पर गौर किया जाये तो वह कश्मीर मसले को लेकर भारत को युद्ध की धमकी दे रहे थे। पाक सेना हमेशा वहां की सरकार को आगे कर कश्मीर एजेंडा को साधने में जुटी रही है। इसलिए इस बार भी पाकिस्तानी सेना ने इमरान खान को मोहरा बनाया है। कहा जा रहा है कि पुलवामा हमले में पाकिस्तान की आईएसआई, पाक सेना और आतंकी सगठन जैश-ए-मोहम्मद की संलिप्तता है। जिसमें एक कश्मीरी युवक को आत्मघाती दस्ता बनाकर सीआरपीएफ के काफिले पर हमला करवाया। इस आतंकी वारदात के लिए लोकल कश्मीरी को इसलिए चुना गया ताकि इससे संदेश जायेगा कि भारतीय सेना और वहां की सरकार के जुल्म से कश्मीर के युवा आतंकी बन रहे हैं।

पुलवामा आतंकी घटना के बाद इमरान खान ने यह जताने की भी कोशिश की कि यह भारत का अंदरूनी मामला हैं। पाकिस्तान को बेवजह इस मामले में घसीटा जा रहा है। लेकिन पाक पोषित आतंकी संगठन जैश ए मोहम्मद ने पुलवामा आतंकी हमले की जिम्मेदारी लेकर पाक सरकार और पाक सेना की पोल खोल दी।  उसके बाद दुनिया भर में हो रही बदनामी ने पाकिस्तान को बैकफुट पर ला दिया है और इससे जल्दी निजात पाने के लिए पाकिस्तान की सरकार बीच का रास्ता तलाश रही है। लेकिन इमरान खान के इरादे नेक नहीं हैं क्योंकि यह इसी से पता चलता है कि भारतीय वायुसेना द्वारा किये गये बालाकोट हमले के बाद पलटवार करते हुए इमरान खान ने पाक के लड़ाकू विमान एफ-16 को भारत पर हमले के लिए भेज दिया। इमरान खान ने खुद स्वीकार किया है कि हमने बालाकोट हमले के बाद पलटवार करने के लिए एफ-16 को भेजा जिसे भारतीय वायुसेना ने ध्वस्त कर दिया। अगर इमरान खान में जरा भी समझदारी होती तो वह एफ-16 को भारत पर हमले के लिए नहीं भेजते।

भारतीय वायुसेना को बालाकोट में स्थित आतंकी कैंप पर हमले की नौबत क्यों आई इस मनोदशा को इमरान खान को समझने की जरूरत है। भारतवासियों में आतंकवाद को लेकर जो उबाल है उसे शायद इमरान खान समझ नहीं पा रहे हैं। वह पुलवामा में शहीद सैनिकों को लेकर सहानुभूति तो जता रहे हैं लेकिन बेलगाम आतंकी संगठन पर नियंत्रण कभी कर पायेंगे इसपर सभी को संदेह है। क्योंकि वहां आतंकी संगठनों के लिए पाकिस्तानी सेना एक कवच के रूप में काम करती है। इमरान खान को डर इसी बात का है कि भारत-पाकिस्तान के बीच यह मामला जल्दी नहीं सुलझता तो आनेवाले दिनों में पाकिस्तान को बहुत नुकसान होने वाला है। अगर आतंकवाद को लेकर विश्व बिरादरी पुनः एक मंच पर आ गया तो कंगाली के दौर से गुजरते पाकिस्तान को एक साथ कई मुश्किलों का सामना करना पड़ सकता है।

©

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *