आने वाले दिनों में कई देशों की कोरोना वायरस की वैक्सीन के साथ-साथ इस बीमारी से संबंधित कई उपकरण बाजार में उपलब्ध होंगे। अंतर्राष्ट्रीय मंदी के इस दौर में दुनिया के बाजारों से पैसा इकट्ठा करने के लिए विकसित देशों को कोरोना ने बड़ा अवसर प्रदान किया है।
कोविड-19 के नाम पर देश-दुनिया मेे कोहराम मची है। कोरोना वायरस से संक्रमितों के मरने का सिलसिला जारी है। कोरोना के साथ आगे बढ़ते हुए अब कई देश इस आपदा में भी अवसर तलाश रहे हैं और कोरोना वैक्सीन के निर्माण के साथ-साथ संबंधित अत्याधुनिक उपकरणों/मशीनों के निर्माण में जोर-शोर से लगे हैं।
अंतर्राष्ट्रीय बाजार में कोरोना की वैक्सीन बेचने के लिए कई देशों में होड़ मची है और आने वाले दिनों में कई देशों की निर्मित वैक्सीन बाजार में होंगी। हालांकि अभी इसमें कितना वक्त लगेगा इसका सही अनुमान किसी के पास नहीं है। क्योंकि, कई देशों की वैक्सीन ट्रायल में फेल हो गई है। अभी तक किसी देश को वैक्सीन पर पूर्ण सफलता नहीं मिली है।
ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी की वैक्सीन तीसरे चरण में पहुंच चुकी है। इंडोनेशिया की वैक्सीन का क्लिीनिकल परीक्षण लगभग पूरा हो गया है। खबर है कि, कोविड-19 की रूस द्वारा निर्मित वैक्सीन ‘स्पुतनिक वी’ के तीसरे चरण का परीक्षण भारत में होगी। भारत की प्रतिष्ठित दवा कंपनी डॉ. रेडिज लैबोरेटरीज के साथ करार हुआ है। अमेरिकी कंपनी की वैक्सीन भी अभी क्लिीनिकल ट्रायल में है। लगभग 25 देशों में कोरोना वायरस की वैक्सीन तैयार की जा रही है।
चीन इस मामले में भी सबसे आगे है। साइनोवैक की वैक्सीन ‘कोरोनावैक’ को बाजार में जल्द से जल्द उतारने की तैयारी चल रही हैं। साइनोवैक चीन की प्रतिष्ठित ड्रग्स रिसर्च एंड फार्मास्यूटिकल कंपनी है। चीन सरकार की मानें तो कोरोनावैक वैक्सीन का परीक्षण पाकिस्तान में चल रहा है और अंतिम चरण में है। इस दौरान क्लीनिकल परीक्षण के आधार पर इसके परिणाम आंशिक तौर पर सफल हैं।
विश्व के कई बड़े देश कोरोना के नाम पर अपना बाजार छोटे देशों में फैलाना चाह रहे हैं। विदेशी कंपनियों के मास्क से लेकर सेनेटाइजर तक बाजार में उपलब्ध हैं। सम्पन्न घरानों के लोग कपड़ों एवं अन्य वस्तुओं की तरह मास्क और सेनेटाइजर भी ब्रांडेड कंपनियों के ही पसंद कर रहे हैं। कोरोना काल में सेनेटाइजर, मास्क, ग्लव्स, पीपीई किट की मांग तेजी से बढ़ी है। यह बाजार लाखों में नही बल्कि करोड़ों में हैं।
मास्क, सेनेटाइजर ग्लव्स और पीपीई किट की बिक्री के बाद घरों, कार्यालयों एवं आस-पास के परिवेश को सेनेटाइज करने के लिए अत्याधुनिक उपकरण बाजारों में उपलब्ध हो चुके हैं। जब कोरोना संक्रमण का दौर शुरू ही हुआ था, उसी दौरान चीन की कंपनियों द्वारा निर्मित उपकरणों के रिव्यू यूटयूब पर उपलब्ध हो चुके थे। जबकि पिछले चार-पांच महीनों के दौरान चीन की कई कंपनियों द्वारा निर्मित इन अत्याधुनिक उपकरणों को विश्व के बड़े बाजारों में उतारा गया है। आप यूटयूब पर सर्च करके देख सकते हैं। कोरोना से संबंधित चीन निर्मित एक से एक महंगे उपकरणों के बारे में रिव्यू के तहत इसकी खासियतें बतायी जा रही है।
आने वाले दिनों में और भी कई कंपनियों के उपकरण बाजार मे उपलब्ध होंगे। कोरोना काल ने इन उपकरणों का एक बड़ा बाजार तैयार कर दिया है। चीन के लिए यह आपदा में अवसर ही है। चीन ने कोरोना से बचाव के नाम पर इन उपकरणों को बाजार में उतारकर अवसर का भरपूर फायदा उठा रहा है। अन्य देश अभी इस मामले में पीछे हैं क्योंकि कोरोना वायरस ने उनकी आर्थिक स्थिति को कमजोर कर दिया है।
चीन इससे संबंधित और भी कई उपकरण बाजार में उतारने जा रहा है, जो अपग्रेड मॉडयूल में होगा। सेनेटाइज्ड वाटर फिल्टर, औटो हैंड सेनेटाइजर, सेनेटाइज्ड डिस्पेंसर, सेनेटाइज्ड एयर प्युरीफायर, वैपर सेनेटाइजर, सेंटेड सेनेटाइजर, ऑटोमोड सेनेटाइजर जो टेम्परेचर के अनुसार अपना फॉर्म भी बदल लेगा। पानी को वैपर में बदलकर सेनेटाइज करने वाली ऑटोमेटिक मशीनों के साथ कई अत्याधुनिक मशीनों को ऑनलाइन मार्केट प्लेटफार्म पर उतार दिया गया है। फिलहाल ये सारे उपकरण काफी महंगे हैं लेकिन उपभोक्ताओं की आर्थिक स्थिति के अनुकूल उत्पादों को बाजार में उतारने की चीन की तैयारी है।
देश एवं दुनिया की सरकारों का मानना है कि कि इस साल के अंत तक कोरोना वायरस के इलाज के लिए वैक्सीन तैयार हो जायेंगी। लेकिन अभी तक सभी देशों की वैक्सीन क्लिीनिकल ट्रायल में है। जल्दीबाजी में वैक्सीन को बाजार में उतारना और भी खतरनाक हो सकता है। फिर भी ज्यादातर देश इस कोशिश में हैं कि उनके देश से निर्मित वैक्सीन अंतर्राष्ट्रीय बाजार में पहले उतारी जाये। नाम और प्रसिद्धी के साथ-साथ उस देश को पूरी दुनिया में धन कमाने का सबसे पहले अवसर मिलेगा।
आने वाले दिनों में कई देशों की कोरोना वायरस की वैक्सीन के साथ-साथ इस बीमारी से संबंधित कई उपकरण बाजार में उपलब्ध होंगे। अंतर्राष्ट्रीय मंदी के इस दौर में दुनिया के बाजारों से पैसा इकट्ठा करने के लिए विकसित देशों को कोरोना ने बड़ा अवसर प्रदान किया है। कोरोना की वैक्सीन एवं संबंधित टूल्स, किट, डिवाइस… एक बेहतर माध्यम भी बन सकते हैं।