
नई दिल्ली। दिल्ली में चल रही यमुना ट्रॉफी के अंतर्गत कल कॉमन वेल्थ गेम्स में संतों और उलेमाओं ने भाईचारा का बेजोड़ उदाहरण पेश किया है। देश के जाने-माने और अक्सर टीवी डिबेट में दिखने वाले संतों और उलेमाओं ने एक साथ क्रिकेट मैच खेलकर एकता और भाईचारे का संदेश पेश किया है। देश में ऐसा पहली बार देखा गया है कि एक ही ग्रांउड पर संत और मौलाना बैटिंग और बॉलिंग कर रहे हैं।
संत-XI बनाम उलेमा-XI की दो टीम बनायी गई थी। जिसमें संत-XI की टीम की कप्तानी देश के जाने-माने धर्म गुरू आचार्य विक्रमादित्य ने किया। वहीं उलेमा-XI टीम की कप्तानी देश के मशहूर उलेमा अफसर निजामी ने की। हालांकि ऐसा नहीं था कि संत की टीम में सिर्फ संत ही थे और उलेमा की टीम में सिर्फ उलेमा। बल्कि दोनो ही टीमों में संत और उलेमा शामिल थे।
आचार्य शैलेश, पंडित वरूण शर्मा, पंडित विकास शर्मा, पंडित अजय गौतम, मौलाना असद फलाही, मौलाना काजमी, निजामुद्दीन के मौलाना अफसर निजामी, मौलाना साजिद रशीदी, मौलाना एजाज अरसद एवं कई मौलाना और संतों ने एक ही जगह पर मिलजुलकर खेल के माध्यम से इस देश में एकता और भाइचारे की मिसाल पेश की है।
अफसर निजामी की टीम ने पहले बैटिंग करते हुए 10 ओवर में 83 रन बनाये और उसके जबाव में आचार्य विक्रमादित्य की टीम में खेलने वाले मौलाना और संतों ने मिलकर 9.5 ओवर में ही 85 रन बनाकर प्रतिस्पर्धी टीम पर जीत दर्ज की। आचार्य विक्रमादित्य की टीम से खेलने वाले मौलाना एजाज अरशद शुरू से अंतिम तक क्रीज पर जमे रहे।
मैच के दौरान ऐसा अवसर आया कि कैच पकड़ने के चक्कर मे अफसर निजामी गिर पड़े तो तमाम संतों और उलेमाओं ने उन्हें सहारा देकर उठाया। इस दौरान दोनों तरफर से भाइचारे की अदभूत मिसाल पेश की गई।
अफसर निजामी की टीम के अंतर्गत कनाट प्लेस हनुमान मंदिर के महंत विकास जी, मरघट वाले बाबा के महंत वरूण शर्मा जी, मौलाना असद फलाही, मौलाना साजिद रशीदी सहित कई उलेमा शामिल थे।
जबकि, आचार्य विक्रमादित्य की टीम में ईमाम बुखारी के भाई तारिक अहमद बुखारी, अजय गौतम, सुरेश शर्मन, मौलाना एजाज अरशद एवं अन्य मौलाना एवं संत शामिल थे।
इस अवसर पर इंडियन मीडिया वेलफेयर एसोसिएशन के अध्यक्ष और यमुना ट्रॉफी के आयोजक राजीव निशाना ने कहा कि, इस मैच का मुख्य उद्देश्य खेल के माध्यम से गंगा जमुनी तहजीब की जीवटता को बरकरार रखना है, जो कि सियासी और साम्प्रदायिक माहौल में गुम होती जा रही है।
राजीव निशाना के मुताबिक, संत और उलेमाओं को एक मंच पर लाकर यह संदेश दिया गया है कि आपसी सदभाव और भाइचारे से ही इस देश की एकता की जड़ें मजबूत रखी जा सकती है। सर्वधर्म सद्भाव भारतीय संस्कृति की पहचान रही है। हम सभी का नैतिक दायित्व है कि देश और समाज में एकता और भाईचारा निभाएं। खेल के माध्यम से ऐसा किया जाना बहुत ही सरल है। जब हम खेलते हैं तो वहां सिर्फ टीम की एकता दिखाई देती है। खेल की भावना में ही एकजुटता है।
आचार्य विक्रमादित्य ने कहा कि, माननीय प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी का फिट इंडिया अभियान का उद्देश्य स्वस्थ भारत-सफल भारत है। इसलिए स्वस्थ रहने और सामाजिक एकता का संदेश देने के लिए खेल एक सशक्त माध्यम है। ऐसा करके हम सामाजिक स्तर पर सर्वधर्म के बीच एकता, बंधुत्व, भाईचारा की मिसाल पेश कर सकते हैं। हम सब मिलकर रहें, मिलकर खेलें और जीओ और जीने दो की राह पर चलें। क्योंकि, आपसी बिखराव की वजह से ही आज यह देश कई आंतरिक और बाहरी चुनौतियों से घिरा है।
वहीं, तारीक अहमद बुखारी ने कहा कि, हां मैं फंडामेंटलिस्ट हूं, तो अपने कॉम के प्रति, तो इसमें बुरा क्या है। उन्होंने तर्क दिया कि हर व्यक्ति को अपने धर्म के प्रति, संस्कृति के प्रति फंडामेंटलिस्ट होना चाहिए। इससे कॉम एवं समाज में एकता की जड़ें मजबूत रहती है।
इस अवसर पर कई गणमान्य, दर्शक वहां पर उपस्थित थे। जाने माने ज्योतिषी पवन सिन्हा ने कहा कि देश और समाज की एकता के लिए यह बहुत ही अच्छी पहल है। संत और उलेमा के बीच फ्रेंडली मैच से एक सकारात्मक संदेश जायेगा।




