You are currently viewing ईसा पूर्व से भारत की आजादी के पूर्व तक के भारत के राजवंशों की कहानी !  पार्ट-1

ईसा पूर्व से भारत की आजादी के पूर्व तक के भारत के राजवंशों की कहानी ! पार्ट-1

भारत के राजवंशों की एक लंबी कहानी और सूची है, जो ईसा पूर्व से भारत की आजादी के पूर्व तक के राजवंशों की कहानी मिलती है। मुख्य राजवंशों में हर्यक वंश इसके संस्थापक बिंबिसार थे और अपनी राजधानी राजगृह बनायी। शिशुनाग वंश के संस्थापक शिशुनाग ने अपनी राजधानी वैशाली बनायी। सातवाहन वंश के संस्थापक सीमुक थे, जिन्होंने राजधानी प्रतिष्ठान बनायी।

—————————

महापद्मनंद भारत में प्रथम सम्राट के रूप में नंद साम्राज्य की स्थापना कर उतरी भारतीय उपमहाद्वीप में शासन स्थापित किया था। इसका शासन चौथी शताब्दी ईसा पूर्व से पांचवी सदी तक की मानी जाती है। ये क्षत्रियों के संहारक के रूप में भी जाने जाते हैं। नंद वंश ने अपनी राजधानी पाटलिपुत्र स्थापित की थी। आज भी आजादी के बाद बिहार की राजधानी पटना है। नंद वंश का अंत चंद्रगुप्त ने किया था और उसने मौर्य साम्राज्य के स्थापना की थी।

भारत के राजवंशों की एक लंबी कहानी और सूची है, जो ईसा पूर्व से भारत की आजादी के पूर्व तक के राजवंशों की कहानी मिलती है। मुख्य राजवंशों में हर्यक वंश इसके संस्थापक बिंबिसार थे और अपनी राजधानी राजगृह बनायी। शिशुनाग वंश के संस्थापक शिशुनाग ने अपनी राजधानी वैशाली बनायी। सातवाहन वंश के संस्थापक सीमुक थे, जिन्होंने राजधानी प्रतिष्ठान बनायी।

उसी प्रकार नंद वंश के महापद्मानंद,राजधानी पाटलिपुत्र, मौर्य वंश के चंद्रगुप्त, राजधानी पाटलिपुत्र, कण्व वंश के वासुदेव, राजधानी- पाटलिपुत्र, गुप्त वंश के संस्थापक श्री गुप्त राजधानी- पाटलिपुत्र, शुंग वंश के संस्थापक पुष्पमित्र शुंग, राजधानी पाटलिपुत्र, हुण वंश के संस्थापक तोरमाण, राजधानी सियालकोट, सेन वंश के सामंत सेन, राजधानी लखनऊ, परमार वंश के उपेंद्र, राजधानी धारा नगरी, गढ़वाल वंश के चंद्रदेव, राजधानी कन्नौज, गुर्जर- प्रतिहार वंश के संस्थापक नागभट्ट, राजधानी कन्नौज, राष्ट्रकूट वंश के संस्थापक दंतीदुर्ग राजधानी मान्य खेत, सैयद वंश के खीज्र खां ने राजधानी दिल्ली बनायी।

लोदी वंश के बहलोल लोदी, राजधानी दिल्ली, चोल वंश के विजयालय, राजधानी तंजौर, पाण्डय वंश के नेडियोन, राजधानी मदुरई, यादव वंश के भिल्लभ पंचम, राजधानी देवगिरी, कलचुरी वंश के कोकल्ल, राजधानी त्रिपुरा, होयसल वंश के विष्णुवर्धन, राजधानी द्वारसमुद्र, सोलंकी वंश के संस्थापक मूलराज, राजधानी अनिहलवाड़ा, शर्की वंश के मलिक सर्वर, राजधानी जौनपुर, सालुव वंश के नरसिंह, राजधानी विजयनगर, तुलुव वंश के वीर नरसिंह, राजधानी विजयनगर, भोंसले वंश के संस्थापक “शिवाजी” उन्होंने राजधानी रायगढ़ बनायी।

गुलाम वंश के कुतुबुद्दीन ऐबक ने राजधानी दिल्ली बनायी। पाल वंश के संस्थापक गोपाल, राजधानी उनकी बिहार का मुंगेर, चौहान वंश के संस्थापक वासुदेव, राजधानी अजमेर, लोहार वंश के संग्रामम राज।

कुषाण वंश के कुजल कडफिसेस, राजधानी अपनी पुरुषपुर (पेशावर) में बनायी। वर्धन वंश के पुष्यभूति, राजधानी थानेश्वर, चंदेल वंश के संस्थापक नन्नूक, राजधानी खजुराहो, पल्लव वंश के सिंहवर्मन चतुर्थ, राजधानी कांचीपुरम्, चालुक्य वंश वादामी के संस्थापक जय सिंह प्रथम और राजधानी वातापी, चालुक्य बेगी के संस्थापक विष्णु, राजधानी बेगी, चालुक्य कल्याण के तैलप द्वितीय, राजधानी कल्याण।

इसी प्रकार खिलजी वंश के जलालुद्दीन खिलजी, राजधानी दिल्ली, तुगलक वंश के गयासुद्दीन तुगलक, राजधानी दिल्ली, कुतुब शाही वंश के कुली कुतुब शाह, राजधानी गोलकुंडा, आदिलशाही वंश के आदिलशाह, राजधानी बीजापुर, निजाम शाही वंश के फतेह उल्लाह निजाम शाह, राजधानी अहमदनगर, इमाद शाही वंश के मलिक अहमद, राजधानी बरार, संगम वंश के हरिहर राय प्रथम और बुक्का राय प्रथम ये दोनों, राजधानी विजयनगर, बहमनी वंश के हसन गंगू, राजधानी बीदर, बरीदशाही वंश के अमीर अली बिदर, राजधानी बीदर थी।

मुगल वंश के संस्थापक बाबर और इन्होंने अपनी राजधानी दिल्ली और आगरा थी। कार्कोट वंश के संस्थापक दुर्लभ वर्धन थे तथा उनकी राजधानी कार्कोट (राजस्थान) थी। उत्पल वंश के संस्थापक अवंती वर्मा थे और अंत में हैदराबाद (स्वतंत्र राज्य) के संस्थापक निजाम उल मुल्क थे और उनकी राजधानी हैदराबाद रही।

Leave a Reply