लोकरत्न उपेंद्र नाथ वर्मा की 104वीं जयंती भव्य समारोह के रूप में संपन्न
1 min readलोकरत्न उपेंद्रनाथ वर्मा जहानाबाद जिले के झमन ग्राम में 30 अगस्त 1921 को जन्मे तथा उनका निधन 28 अगस्त 2011 को हो गया। वे एक लोकप्रिय नेता के रूप में सदा लोगों के बीच प्रिय बने रहे। वे वंचित वर्ग को सदा ऊपर उठाने तथा उनकी समस्याओं को दूर करने में लगे रहे।
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स्वतंत्रता सेनानी लोकरत्न उपेंद्रनाथ वर्मा की 104 वीं जयंती बिहार विधान परिषद सदस्या डॉक्टर श्रीमती कुमुद वर्मा की अध्यक्षता एवं अवकाश प्राप्त इंजीनियर अभिजात वर्मा के निर्देशन में गया व्यवहार न्यायालय के पास दिग्घी तालाब के उत्तर-पश्चिम कोण पर स्थित श्री वर्मा की मूर्ति परिसर में एक भव्य समारोह के रूप में इसे संपन्न किया गया। प्रकृति भी खुश होकर गया जिले के सुखाड़ क्षेत्र में इस मौके पर मूसलाधार बारिश कर शहर और खेतों को जलमग्न कर दिया।
उपस्थित सभी लोग काफी खुश नजर आये और इसे वरदान स्वरूप बताया। समारोह में भाजपा नेता वीरभद्र यशराज, पूर्व बिहार विधान पार्षद श्रीमती मनोरमा देवी, इतिहासकार,पुराविद् एवं राष्ट्रीय महामंत्री डॉक्टर शत्रुघ्न दांगी, पूर्व मुखिया राजेंद्र प्रसाद मेहता, रामबरन प्रसाद,पूर्व प्राचार्य रामदास प्रसाद, प्रोफेसर डॉक्टर मदन प्रसाद सिंह,एडवोकेट शुकदेव प्रसाद, एडवोकेट अरविंद कुमार,एडवोकेट अरुणा सिंह, प्रिया रंजन उर्फ डिंपल, इकबाल हुसैन, श्रीमती रेणु कुमारी आर्टलाइफ गया,जदयू नेता अरविंद कुमार वर्मा, बीटीएमसी बोधगया के सदस्यगण, भिक्षुगण आदि के अलावा बड़ी संख्या में अन्य गणमान्य तथा विद्वतजन उपस्थित थे।
उपस्थित लोगों ने लोकरत्न उपेंद्र नाथ वर्मा को देश का प्रखर समाजवादी नेता व जुझारू स्वतंत्रता सेनानी बताया। श्री वर्मा केंद्रीय मंत्री के अलावा बिहार सरकार के कई राजकीय पदों को भी अपने जीवन काल में सुशोभित किया।
लोकरत्न उपेंद्रनाथ वर्मा जहानाबाद जिले के झमन ग्राम में 30 अगस्त 1921 को जन्मे तथा उनका निधन 28 अगस्त 2011 को हो गया। वे एक लोकप्रिय नेता के रूप में सदा लोगों के बीच प्रिय बने रहे। वे वंचित वर्ग को सदा ऊपर उठाने तथा उनकी समस्याओं को दूर करने में लगे रहे।
उन्हीं की देन रही कि एक पत्थर तोड़ने वाली मजदूरीन भगवतिया देवी को उन्होंने सांसद तक पहुंचाया, वहीं एक दलित ईश्वर दास को बिहार विधान सभा का मुंह दिखाया। वे गरीबों पर हो रहे अत्याचार को कभी सहन नहीं करते बल्कि उन्हें साथ देकर सदा बगावत करते रहे।
यही कारण है कि स्वतंत्रता सेनानी एवं प्रखर समाजवादी चिंतक लोकरत्न उपेन्द्र नाथ वर्मा की जयंती तथा पुण्यतिथि प्रतिवर्ष राजधानी पटना सहित जिले के सुदूर गांवों और देहातों में भी बड़े उत्साह के साथ आयोजित की जाती रही है।