Thursday, May 22, 2025
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लव जेहाद और धर्मांतरण : विश्व हिन्दू महासंघ की केन्द्र सरकार से अपील

रविवार को नई दिल्ली के जंतर-मतंर पर 11 बजे के आस-पास काफी भीड़ थी। लोग नारे लगा रहे थे। लव जेहाद और धर्मांतरण को रोकने के लिए प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी से कठोर कानून बनाने की मांग कर रहे थे। यह धरना प्रदर्शन विश्व हिन्दू महासंघ के बैनर तले किया जा रहा था। विश्व हिन्दू महासंघ संयुक्त राष्ट्र संघ द्वारा मान्यता प्राप्त संस्थान है। इस प्रदर्शन में संगठन के कई शीर्ष अधिकारियों एवं दो दर्जन से अधिक कार्यकर्ताओं सहित सैंकड़ों लोग मौजूद थे।

कठोर कानून से लव जेहाद और धर्मांतरण रोके जा सकते हैं : महंत श्री सुरेन्द्र नाथ अवधूत 

देश में बढ़ते लव जेहाद और धर्मांतरण के मामले को लेकर विश्व हिन्दू महासंघ के राष्ट्रीय अध्यक्ष महंत श्री सुरेन्द्र नाथ अवधूत जी का मानना है कि एक विशेष संगठित गिरोह के द्वारा लव जेहाद एवं धर्मांतरण किया जाना अथवा करवाने के पीछे हिन्दुस्तान से हिन्दुओं को खत्म करने की अंतर्राष्ट्रीय साजिश है। दुखद यह कि ऐसी घृणित और आपराधिक कृत्यों में शामिल लोगों को भी राजनीतिक संरक्षण मिलता रहा है।

वह इसे एक राजनीतिक साजिश मानते हैं, जिसके कारण हिन्दू अपने देश में ही अल्पसंख्यक होते जा रहे हैं। उनका कहना है कि, देश के आठ राज्यों में हिन्दू अल्पसंख्यक हो गये हैं जबकि तीन दशक पहले वहां हिन्दू बहुसंख्यक थे। उन्होंने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी से अपील की है कि लव जेहाद एवं धर्मांतरण के खिलाफ एक कठोर कानून बनाकर देश को खंडित होने से बचायें। क्योंकि इस पर जब तक कोई ठोस कानून नहीं बनेगा तब तक ऐसे आपराधिक कृत्य नहीं रूकेंगे।

 लव जेहाद और धर्मांतरण अंतर्राष्ट्रीय साजिश का हिस्सा : आचार्य विक्रमादित्य

विश्व हिन्दू महासंघ के मुख्य संरक्षक एवं विवेकानंद योगाश्रम के संस्थापक आचार्य विक्रमादित्य कहना है कि, हाल ही में दिल्ली के बल्लभगढ़ में घटी एक घटना ने पूरे देश को झकझोर दिया है। जिसमें निकिता तोमर को कॉलेज जाते समय बीच सड़क पर इसलिए गोली मार दी गई क्योंकि वह एक मुसलमान से शादी और अपना धर्म परिवर्तन नहीं करना चाहती थी। इतना ही नहीं निकिता तोमर को दो साल से मुस्लिम धर्म अपनाने लिए टॉर्चर किया जा रहा था और परिवार को जान से मार देने की धमकी दी जा रही थी। उन्होंने कांग्रेस पार्टी पर तुष्टिकरण का आरेाप लगाते हुए कहा कि हाथरस की घटना पर कांग्रेस के नेताओं ने देशभर में शोर मचाया लेकिन निकिता तोमर की घटना पर अब तक खामोश है, क्योंकि आरोपी का चाचा कांग्रेस का विधायक है।

आचार्य विक्रमादित्य की मानें तो, महिलाओं के साथ हो रहे अत्याचारों पर भी कांग्रेस की दोहरी मानसिकता के कारण ऐसे अपराधों को बढ़ावा मिल रहा है। उन्होंने कहा कि न्यूज नेशन टीवी चैनल पर धर्मांतरण को लेकर जो खुलासे किये जा रहे हैं उससे यह स्पष्ट हो रहा है कि धर्मांतरण और लव जेहाद अंतर्राष्ट्रीय साजिश का हिस्सा हैं। लव जेहाद करके जहां हिन्दू लड़की से शादी कर उसे मुस्लिम धर्म अपनाने पर मजबूर किया जाता है। वहीं एक संगठित गिरोह के द्वारा हिन्दू लड़कों का अपहरण कर उसे मुसलमान बना दिया जा रहा है। फिर उनके नाम और पहचान तक बदल दिये जाते हैं। उनका खतना कर दिया जाता है। गौमांस खाने पर मजबूर किया जाता है।

भारतीय संविधान के मुताबिक, किसी भी भारतीय नागरिक की अभिव्यक्ति का हनन करने का अधिकार किसी को नहीं है तो फिर इस अपराध को किस कैटेगरी में रखा जाये। बिना उसकी सहमति से धर्मांतरण किये गये लोगों के वोटर आईडी, आधार कार्ड, राशन कार्ड में उसके असली नाम को हटाकर मुसलमान का नाम रख दिया जाता है। मुसलमान के नाम पर पासपोर्ट जारी कराया जाता है। हज और उमरा के लिए सउदी अरब भेजा जाता है। इससे आप अंदाजा लगा सकते हैं कि सरकारी सिस्टम में इनकी पैठ कहां तक बनी हुई है। इस तरह की घटनाएं देश की सुरक्षा के दृष्टिकोण से भी उचित नहीं है और इन मामलों में जांच एजेंसियों को भी स्वतः संज्ञान लेने की जरूरत है।

उन्होंने हैरानी जताते हुए कहा कि, संगीन अपराधों के बावजूद इसे देश में वैसे अपराधियों के खिलाफ सजा का कोई प्रावधान अब तक नहीं है। यही कारण है कि इस तरह की घटनायें रूकने की जगह और बढ़ती जा रही है। देश के किसी न किसी हिस्से में लव जेहाद और धर्मांतरण से जुड़ी घटनायें प्रतिदिन घट रही है। ऐसे अपराधों को रोकने के लिए एक केन्द्रीय कानून की दरकार है।

बिना राजनीतिक संरक्षण के इतने बड़े स्तर पर लव जेहाद और धर्मांतरण संभव नहीं : राजेश तोमर

राजेश तोमर, विश्व हिन्दू महासंघ के दिल्ली प्रदेश अध्यक्ष हैं। उनका मानना है कि बिना राजनीतिक संरक्षण के इतने बड़े स्तर पर लव जेहाद और धर्मांतरण किया जाना संभव नहीं है। तुष्टिकरण की नीति अपनाने वाली राजनीतिक पार्टियों ऐसे अपराधों का बढ़ावा देती है। वह कहते हैं, बांग्लादेश की सीमा से सटे राज्यों में धर्मांतरण और लव जेहाद चरम पर हैं। लेकिन वहां कोई इसके खिलाफ आवाज उठाने वाला नहीं नहीं है। दिल्ली एवं मेट्रो सिटीज में ऐसी घटनायें घट जाती तो वह मीडिया की सुर्खियां बन जाती है। लेकिन वहां शासन-प्रशासन का दबाव होता है और खबरें दब जाती है। धर्मांतरण के कारण ही राजस्थान के मेवात मेें हिन्दुओं की संख्या अब नाम मात्र रह गई है। उसके परिणाम यह सामने आ रहे हैं कि मेवात में कई जगहों पर हिन्दुओं को दाह संस्कार पर भी मुसलमानों ने रोक लगा दी है। हिन्दुओं को अपने परिवार के मृत शरीर को दफनाने पर मजबूर किया जा रहा है।

राजेश तोमर का मानना है कि, हिन्दुस्तान में हिन्दुओं के सामने विकट परिस्थति आ गई है। इससे निजात पाने के लिए लव जेहाद एवं धर्मांतरण के खिलाफ एक राष्ट्रीय कानून बनाना अति आवश्यक है। यह राष्ट्रीय हित से जुड़ा मुद्दा है और अन्य राजनीतिक दलों को इसपर सियासत करने की जगह ठोस कानून बनाने के लिए केन्द्र सरकार को नैतिक समर्थन देना चाहिए।

लव जेहाद और धर्मांतरण को कानूनी तौर पर परिभाषित करना जरूरी : राजीव निशाना

इंडियन मीडिया वेलफेयर एसोसिएशन के अध्यक्ष राजीव निशाना पिछले ढाई दशक से मुख्य धारा की पत्रकारिता से जुड़े हैं। वह इलेक्ट्रॉनिक मीडिया का जाना-माना चेहरा हैं। उनका मानना है कि इस देश में अपराधों को रोकने के लिए कठोर दंड विधान की व्यवस्था की गई है और एक मजबूत पुलिसिंग सिस्टम है। लेकिन लव जेहाद और धर्मांतरण के खिलाफ भारत में एक भी कानून नही है। इस तरह के जघन्य अपराध अखण्ड भारत के लिए सबसे बड़ी चुनौती हैं।

राजीव निशाना के मुताबिक, इस तरह के वारदातों को अंजाम देने वालों की मंशा साफ झलकती है कि वह इस देश से हिन्दुत्व की पहचान और भारत की अस्मिता को मिटाना चाहते हैं। लव जेहाद और धर्मांतरण के मामले पर देश में साजिश और सियासत दोनों होते रहे हैं लेकिन अब स्थितियां भयावह होती जा रही है। लव जेहाद की घटनाओं को देखकर माता-पिता, अभिभावक अपनी बहन-बेटियों और घर की महिलाओं के प्रति चिंतित दिखते हैं।

राजीव निशाना का स्पष्ट तौर पर मानना है कि देश और समाज में इन घटनाओं के प्रति चेतना तभी आयेगी जब इसे कानूनी तौर पर परिभाषित किया जायेगा। इन अपराधों पर अंकुश तभी लगेंगे जब अपराधियों में कानून डर होगा।

इस प्रदर्शन के दौरान विश्व हिन्दू महासंघ के अन्य पदाधिकारियों ने भी अपने-अपने वक्तव्यों को रखते हुए प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी से लव जेहाद और धर्मांतरण के खिलाफ एक कठोर कानून बनाने की मांग की है। महासंघ की ओर से इस प्रदर्शन में छत्रपाल सूर्यवंशी, प्रवीण अग्रवाल, विक्रम सिंह, जयपाल सिंह चौहान, धर्मेन्द्र शर्मा, राजेश पंडित, पूजा धामा, एडवोकेट सुनील कुमार, एडवोकेट विनय कुमार, राजन जी, प्रकाश चंद्र शर्मा, डॉ. राजेश कुमार, संजय अग्रवाल, अजय शर्मा, कुलभूषण प्रधान, रविन्द्र शर्मा सहित विभिन्न धार्मिक, सामाजिक संगठनों के लोगों ने भी शिरकत की थी।

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