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तिलक एवं दहेज रहित मानववादी तरीके से विवाह सम्पन्न

समतामूलक समाज की रचना में युवाओं की भूमिका अहम: डॉ. दांगी
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गुरुआ। भारतीय समाज बहुमुखी संस्कृति का द्योतक है। बहुलवादी संस्कृति में समतामूलक समाज की स्थापना कर ही विकसित राष्ट्र का निर्माण किया जा सकता है। समतामूलक समाज की स्थापना में युवाओं को आगे बढ़कर हिस्सा लेना चाहिए। उपरोक्त बातें गया जिलांतर्गत गुरुआ प्रखंड के तरोवा ग्राम में तिलक- दहेज एवं ब्राह्मणवाद से परे मानववादी अर्जक पद्धति से वैवाहिक कार्यक्रम के उद्घाटन भाषण में प्रख्यात पुरातत्ववेता एवं इतिहासकार डॉ. शत्रुघ्न दांगी ने कही।

इस वैवाहिक समारोह में तरोवा निवासी श्री विष्णुदेव सिंह पूर्व मुखिया की कनिष्ठ सुपुत्री अनु कुमारी की शादी भारत लेनिन अमर शहीद जगदेव प्रसाद के वंशज एवं उनके विचारों और आदर्शों को मानने वाले अर्जकवादी गया निवासी कुमार अभय राज के सुपुत्र कुमार अभ्युदय राज के साथ संपन्न हुई। अभ्युदय राज, जहां केन्द्रीय सचिवालय में पदस्थापित है, वही अनु कुमारी पत्रकारिता के क्षेत्र में कार्य कर रही हैं।

इस मौके पर लोगो को संबोधित करते हुए दांगी ने कहा कि अंधविश्वास और रूढ़िवाद समझ को खोखला कर रही है। आधुनिकता के अंधी दौड़ में दहेज दानवों द्वारा समाज में अपसंस्कृति को बढ़ावा दिया जा रहा है। जरूरत है समाज की बागडोर युवाओं के हाथों में सौपना चाहिए।

इस अनूठे विवाह में न तो बैंडबाजे बजे और न ही मेहमानों की भीड़ एकत्र हुई। वर व वधू ने खुले समाज को साक्षी मानकर एक दूसरे को वरमाला पहनाई तथा आजीवन समतावादी सिद्धांत को अपनाकर समतामूलक समाज की स्थापना में भूमिका निभाने की शपथ ली।

वैवाहिक कार्यक्रम का संचालन सेवानिवृत शिक्षक उपेंद्र पथिक ने किया जबकि सभा की अध्यक्षता शोषित समाज दल के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष श्री राजबल्लभ प्रसाद ने की। स्वागत भाषण मानववादी श्री विरेन्द्र प्रसाद ने की, जबकि कार्यक्रम की देखरेख युवक संघ के प्रदेश अध्यक्ष डॉ. रामदास प्रसाद ने की। इस कार्यक्रम को सामाजिक चिंतक नागेंद्र यादव, अर्जक संघ के नेता रामविलास प्रसाद, एसोसिएट प्रोफेसर डॉ.राजेश कुमार, जाप नेता बिनोद मरांडी, आकाश दयाल, डी.के डाडेल, डॉ. महेश प्रसाद, निकुंज नीलिमा आदि लोगो ने संबोधित किया।

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